आठ साल की बच्ची के साथ हुई वहशियाना हरकत दिखाती है कि हम नीचता की किन गहराइयों में डूब चुके हैं

प्रधानमंत्री के नाम लिखे एक पत्र में रिटायर्ड नौकरशाहों ने कहा कि यह पत्र केवल सामूहिक शर्म या अपनी पीड़ा को आवाज़ देने के लिए नहीं बल्कि सामाजिक जीवन में ज़बरदस्ती घुसा दिए गए घृणा और विभाजन के एजेंडा के ख़िलाफ़ लिखा गया है.

तीन तलाक़ विधेयक: क्या इसे सिर्फ़ इसलिए ठुकरा दिया जाए कि यह भाजपा सरकार की पहल का नतीजा है?

भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की सहसंस्थापक ज़किया सोमन कहती हैं कि जो तीन तलाक़ क़ानून का विरोध कर रहे हैं, शायद वे पीड़ित महिलाओं की हालत से वाकिफ़ नहीं हैं.

लिपस्टिक अंडर माय बुरक़ा बोल्ड है, मगर स्त्रीवादी नहीं

सिगरेट-शराब पीने और सेक्स को आज़ादी का प्रतीक मानने के पुराने, बार-बार आजमाए जा चुके नुस्खे के साथ यह फिल्म इस पितृसत्तात्मक समझ का ही प्रसार करती हैं कि औरतें झूठी और बेवफा होती हैं.

साक्षात्कार: पुरुषों को यह समझना होगा कि पितृसत्ता ने उन्हें अमानवीय बना दिया है

भूमंडलीकरण, भारत-पाक संबंध, दक्षिण एशिया में नारीवाद व पितृसत्ता आदि विषयों पर समाजविज्ञानी व नारीवादी​ चिंतक कमला भसीन से विस्तृत बातचीत.

बीएचयू में लैंगिक भेदभाव के ख़िलाफ़ छात्राओं ने खोला मोर्चा

बीएचयू के महिला महाविद्यालय की एक छात्रा ने कैंपस में होने वाले लैंगिक भेदभाव और पितृसत्तात्मक सोच के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय महिला आयोग से मदद की अपील की है.