पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में रविवार को फिर वृद्धि हुई है. बीते सात सप्ताह में वाहन ईंधन के दामों में हुई यह 27वीं बढ़ोतरी है, जिसके बाद देश में पेट्रोल और डीज़ल के दाम ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं.
पेट्रोल-डीज़ल के रिकॉर्ड तोड़ दामों को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि मोदी सरकार अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के साथ लोगों को मुफ़्त चावल और कोविड टीके देने के लिए बहुत कुछ कर रही है. इसकी एक क़ीमत है. मुफ़्त मदद आसमान से नहीं गिरती है. इससे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल के बढ़ते दामों पर कहा था कि केंद्र सरकार लाभकारी योजनाओं के लिए धन बचा रही है.
बीते चार मई के बाद से पेट्रोल तथा डीज़ल के दामों में 23 बार वृद्धि की गई है. इस वजह से पिछले क़रीब छह सप्ताह से कम समय में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल तथा डीज़ल पर करों से अतिरिक्त पैसे की ज़रूरत है.
चार मई के बाद पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में 23 बार वृद्धि हो चुकी है और सात राज्यों में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है. शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल एवं डीज़ल के दामों में वृद्धि के विरोध में दिल्ली समेत कई राज्यों में विभिन्न पेट्रोल पंपों के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया था.
देश में वाहन ईंधन की कीमतों में बीते चार मई से अब तक 20 बार बढ़ोतरी हो चुकी है. इससे देश के विभिन्न हिस्सों में अब पेट्रोल ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. चार मई के बाद से पेट्रोल का दाम में 4.69 रुपये और डीजल के दाम 5.28 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.
देश में पेट्रोल की कीमत 17 बार में 4.09 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 4.65 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है. राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले में कीमतें देश में सबसे ज़्यादा हैं, जहां पेट्रोल 105.52 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 98.32 रुपये प्रति लीटर है.
बीते एक महीने में चौथी बार रसोई गैस के दामों में वृद्धि दर्ज की गई. चार फरवरी को पच्चीस रुपये, 15 फरवरी को पचास रुपये और 25 फरवरी को फिर पच्चीस रुपये की बढ़ोतरी हुई थी.
रसोई गैस के दाम में बृहस्पतिवार को 25 रुपये की वृद्धि कर दी गई. इससे पहले चार फरवरी को 25 रुपये और 15 फरवरी को दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी. कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार आम आदमी को पेट्रोल, डीज़ल या गैस के बोझ तले दबाना चाहती है.
पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह तेल विपणन कंपनियों को तय करना है कि वे कीमतों में कटौती कर सकते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से तेल की कीमतों को मुक्त कर दिया गया है और सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है.
दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की क़ीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. दिल्ली में पेट्रोल का दाम 89.88 रुपये प्रति लीटर जबकि मुंबई में 96.32 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है.
सोमवार को डीज़ल की क़़ीमत में 29 से 30 पैसे तक और पेट्रोल के दाम 25 से 26 पैसे तक बढ़े हैं. सात दिनों में पेट्रोल के दाम में 2.06 रुपये प्रति लीटर व डीज़ल में 2.27 रुपये प्रति लीटर की व्रुद्धि हुई है. देश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 100 रुपये के पार हो गए हैं.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें एक अंतरराष्ट्रीय मूल्य प्रणाली के तहत नियंत्रित होती हैं और यह मिथ्या अभियान चलाने का प्रयास किया जा रहा है कि ईंधन की क़ीमतें अब तक के उच्च स्तर पर हैं.
देश की तीसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम विपणन कंपनी एचपीसीएल के प्रमुख ने कहा कि पिछले दो-तीन दिन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम अचानक बढ़कर 59 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं. मांग और आपूर्ति में अंतर की अवधारणा के अलावा सऊदी अरब द्वारा उत्पादन में कटौती की वजह से कीमतों में तेज़ी आई है.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में लगातार दूसरे दिन वृद्धि की गई है. इस सप्ताह चार बार में वाहन ईंधन के दाम एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं. इससे दिल्ली में पेट्रोल 85.70 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 92.28 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है.
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोल पर दो बार में उत्पाद शुल्क 13 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 16 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया है. इससे पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़कर 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गया.