ईरान में बीते 15 नवंबर को ये प्रदर्शन तब शुरू हुए जब सरकार ने पेट्रोल के न्यूनतम दाम 50 प्रतिशत तक बढ़ाकर 15,000 रियाल प्रति लीटर कर दिए. अधिकारियों ने इन प्रदर्शनों को जल्द ही बलपूर्वक दबा दिया था और एक सप्ताह तक इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी थी.
पेट्रोल और डीजल के संशोधित मूल्य शनिवार को प्रभावी हो गए. दिल्ली में पेट्रोल का दाम 2.45 रुपये लीटर बढ़कर 72.96 रुपये लीटर हो गया, जबकि मुंबई में यह वृद्धि 2.42 रुपये लीटर बढ़कर 78.57 रुपये प्रति लीटर रही.
रविवार को पेट्रोल 32 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ 81.82 रुपये लीटर पर पहुंच गया. वहीं डीजल 58 पैसे चढ़ कर 73.53 रुपये प्रति लीटर पर आ गया.
जन गण मन की बात की 312वीं कड़ी में विनोद दुआ केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर चर्चा कर रहे हैं.
अफीम की खेती, बिक्री और सेवन को क़ानूनी रूप से वैध करने की आम आदमी पार्टी के निलंबित सांसद धर्मवीर गांधी की मांग का समर्थन करते हुए पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इसे मादक पदार्थ हेरोइन से कई गुना बेहतर बताया है.
जन गण मन की बात की 304वीं कड़ी में विनोद दुआ पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और उस पर मोदी सरकार की प्रतिक्रिया पर चर्चा कर रहे हैं.
यूपीए ने 2005-06 से 2013-14 के बीच जितना पेट्रोल-डीज़ल की एक्साइज़ ड्यूटी से नहीं वसूला उससे करीब तीन लाख करोड़ रुपये ज़्यादा उत्पाद शुल्क एनडीए ने चार साल में वसूला है.
बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 48.50 रुपये बढ़ा, वहीं सब्सिडी वाले सिलेंडर के दामों में दो रुपये की बढ़ोतरी की गई है. कांग्रेस ने कहा कि जनता का बजट बिगाड़ रहा है मोदी जी का लालच.
जन गण मन की बात की 251वीं कड़ी में विनोद दुआ पेट्रोल-डीज़ल के दाम और गौरी लंकेश हत्याकांड पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 246वीं कड़ी में विनोद दुआ आसमान छूते पेट्रोल-डीज़ल के दाम और कर्नाटक विधानसभा में भाजपा विधायकों द्वारा कथित तौर पर राष्ट्रगान के अपमान पर चर्चा कर रहे हैं.
पेट्रोल की क़ीमत रिकॉर्ड स्तर पर है, फिर भी आप मीडिया में इसकी ख़बरों को देखिए तो लगेगा कि कोई बात ही नहीं है. यही दाम अगर सरकार एक रुपया सस्ता कर दे तो गोदी मीडिया पहले पन्ने पर छापेगा.
2017 को एक ऐसे साल के तौर पर याद किया जाएगा, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को अपने ही हाथों भारी नुकसान पहुंचाया गया. इससे जीडीपी में तीव्र गिरावट आयी और पहले से ही नए रोज़गार निर्माण की ख़राब स्थिति और बदतर हुई.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल कंपनियां पेट्रोल-डीज़ल के दाम तय करने के लिए आज़ाद हैं.