पहले योगी सरकार ने यूपी टूरिज़्म की बुकलेट से हटाया ताजमहल का नाम, अब संगीत सोम बोले, हम इतिहास बदल डालेंगे.
कांग्रेस ने कहा, भारत की जीएसटी दर दुनिया में सबसे ऊंची, ‘एक देश, एक कर’ का जो सपना था वह आज ‘एक देश, सात कर’ बन गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक विश्लेषण को येचुरी ने बताया जुमलानॉमिक्स. ग़ुलाम नबी आज़ाद बोले, मोदी टीवी के प्रधानमंत्री, हमारे प्रधानमंत्री ज़मीनी थे.
क्या वाइस चांसलर, पुलिस प्रशासन और देश की सरकारें उन लड़कियों को देशद्रोही मानती हैं जो यह शिकायत करें कि उनके साथ छेड़खानी और अभद्र हरकतें हो रही हैं?
जिस सुरक्षा को लेकर बीएचयू में पूरा बवाल हुआ, उसकी स्थिति अब भी वैसी ही है. जिस जगह पर छात्रा को छेड़ा गया था, वहां अब भी रोशनी का इंतज़ाम नहीं हुआ है.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा, बहस में कश्मीरियों को गालियां दी जाती हैं. इससे कश्मीरी बाक़ी देश से कटने लगे हैं और देश के लोग कश्मीर के ख़िलाफ़ हो रहे हैं.
वाराणसी कमिश्नर ने अपनी जांच रिपोर्ट में विश्वविद्यालय प्रशासन को दोषी क़रार देते हुए कहा है कि प्रशासन चाहता तो यह मामला आराम से निपट सकता था.
वीडियो: बीएचयू में छेड़छाड़ की घटना पर प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में दिल्ली के उत्तर प्रदेश भवन पर विरोध प्रदर्शन.
आप गलत कह रहे हैं कि बीएचयू को बदनाम किया जा रहा है. लड़कियां अपनी आज़ादी और सुरक्षा का हक़ मांग रही हैं. यह आज़ादी उनकी प्रतिभा को और निखारेगी. वे निखरेंगी तो बीएचयू भी निखरेगा.
छावनी में तब्दील रहा कैंपस. छात्र-छात्राओं से हॉस्टल खाली कराए गए. सीओ भेलूपुर और लंका एसओ हटाए गए.
बीएचयू में लाठीचार्ज शर्मनाक है. क्या वीसी ये बताना चाहते हैं कि लड़कियों का कोई हक़ नहीं इस लोकतंत्र में? लड़कियों से कहा गया कि तुम रेप कराने के लिए रात में बाहर जाती हो.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में वर्षों से चले आ रहे लड़कियों के उत्पीड़न पर छात्राओं द्वारा शायद पहला इतना बड़ा प्रतिरोध है.
कैंपस में छात्राओं के साथ बढ़ती छेड़खानी के विरोध में छात्राएं दो दिन से धरने पर बैठीं थीं.
योगी सरकार से पूछना चाहिए कि यह बेटियों की सुरक्षा है या छल? जिस मीडिया को पूछना चाहिए उसने तो अखिलेश सरकार के जाने के बाद जंगलराज ख़त्म मान लिया है.
पाकिस्तान सिर्फ़ एक स्टेट नहीं है; वहां लोग बसते हैं. नाकाबिल, संकीर्ण और फ़िरक़ापरस्त सरपरस्तों के ख़िलाफ़ वहां लोग बोलते हैं, जेल जाते हैं, जान देते हैं. वहां भी समाज है, नागरिक अधिकारों के लिए लड़ रहे जुझारू युवक हैं, अच्छे दिनों की आस में बड़े हो रहे बच्चे है, लेखक और कलाकार हैं.