भाजपा नेता के हाथ काटने के बयान पर हज़ारों किसानों ने तानीं मुट्ठियां

किसान मुक्ति संसद में उठा सवाल, मोदी जी! आपने किसानों के साथ वादाख़िलाफ़ी क्यों की? हम सब उंगली उठाकर सवाल पूछेंगे, हम देखना चाहते हैं ​कि कितने हाथ काटोगे?'

देश में पहली बार महिलाओं की संसद, किसानों ने कहा- अब मोदी के जुमले नहीं चलेंगे

देश भर के 184 किसान संगठनों की किसान मुक्ति संसद में कृषि क़र्ज़ से पूर्ण मुक्ति और कृषि उत्पाद के लाभकारी मूल्य को लेकर दो विधेयकों के मसौदे पारित.

‘जिनको चुना है वो हमारी बात नहीं सुनेंगे तो हमें अपनी संसद चलानी पड़ेगी’

वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर 184 किसान संगठनों ने मिलकर लगाई किसान मुक्ति संसद. कहा- सरकार को हमारी बात सुननी पड़ेगी.

नोटबंदी पर जश्न का दिन भी किसानों के लिए मौत का दिन था

मध्य प्रदेश में दो, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब में एक-एक किसानों ने की आत्महत्या, महाराष्ट्र में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक 2,414 किसानों ने आत्महत्या की.

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा में तीन किसानों ने की ख़ुदकुशी

कर्ज़ से परेशान किसानों की आत्महत्या के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं. विभिन्न राज्यों के किसान लगातार आत्महत्याएं कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री किसानों से ऐसा वादा कर रहे हैं जिसे पूरा करना संभव नहीं

मोदी जी ने मनमोहन सिंह के लिए कहा था, 'जिस देश के किसान ख़ुदकुशी कर रहे हैं वहां के सत्ताधारी लोगों को नींद कैसे आ सकती है?' अब पता नहीं उन्हें नींद कैसे आती होगी.

‘गोरक्षा के चक्कर में पशुधन ही किसानों का दुश्मन हो गया है’

अब खेती में बैलों का उपयोग नहीं होता. बूचड़खाने बंद होने के बाद उन्हें ख़रीदने वाला भी कोई नहीं. बड़ी संख्या में आवारा जानवर खेतों को तबाह कर रहे हैं.

जिस सरकार ने नोटबंदी की, उसी को क़र्ज़ माफ़ी का ख़र्च भी उठाना चाहिए

अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग उथली राजनीति है तो नरेंद्र मोदी का देश भर में घूम-घूम कर चुनावी सभाओं में वादा करना उथली राजनीति नहीं थी?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों का कम निजी कंपनियों को ज़्यादा फायदा है

राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि योजना के तहत किसान जितने भुगतान का दावा करते हैं निजी बीमा कंपनियां उससे कम राशि अदा करती हैं.

क्या किसानों के नाम पर सरकार बीमा कंपनियों पर मेहरबान है?

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल बीमा योजना के तहत प्राइवेट बीमा कंपनियों को भारी भरकम फंड देने के बाद भी, उनके खातों की ऑडिट जांच के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है.

‘जीएसटी के लिए संसद को 12 बजे रात को खोला जा सकता है, मगर किसानों पर एक मिनट बात नहीं हो सकती’

राजग में शामिल पार्टी के सांसद का सवाल, क्या किसान आतंकवादी हैं? विपक्ष ने कहा, पहले फ़सलों के दाम दोगुना करने का वादा किया, अब किसानों पर गोली चला रही है सरकार.