महान फुटबॉलर और प्रथम श्रेणी क्रिकेटर चुन्नी गोस्वामी का निधन

चुन्नी गोस्वामी 1962 के एशियाई खेल की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे थे. एक क्रिकेटर के तौर पर उन्होंने 1962 और 1973 के बीच 46 प्रथम श्रेणी मैचों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया था.

पश्चिम बंगाल उपचुनाव: सोनिया गांधी ने कांग्रेस और वाम दलों के बीच सीट बंटवारे को मंजूरी दी

पश्चिम बांगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा के साथ सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद विधानसभा उपचुनावों के लिए राज्य में कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन को मंजूरी दी गई है.

जय श्री राम की टिप्पणी पर मेघालय के राज्यपाल ने अमर्त्य सेन से कहा, अपने काम पर ध्यान दें

अमर्त्य सेन द्वारा 'जय श्री राम' के नारे पर की गई टिप्पणी के बारे मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि रामराजा तला और सेरामपोर पश्चिम बंगाल में हैं या कहीं और? क्या हम भूत-प्रेत से डरते हुए राम-राम नहीं कहते?

इन दिनों ‘जय श्रीराम’ का नारा लोगों को पीटने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि मां दुर्गा बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं. जबकि ‘जय श्री राम’ के नारे का बंगाली संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है.

जब बंगाल में ऐसी धोतियां फैशन में थीं जिनके किनारों पर ‘खुदीराम बोस’ लिखा रहता था

शहादत दिवस पर विशेष: सामान्य युवा इतना भले ही जानते हैं कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन ने देश को सरदार भगत सिंह जैसा शहीद-ए-आज़म दिया, लेकिन सबसे कम उम्र के शहीद के बारे में कम ही लोग जानते हैं.

अगर भाजपा बंगाल को टारगेट करना चाहती है, तो टीएमसी लालक़िले पर नज़र गढ़ाए है: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक राजनीति के आगे झुकने का कोई प्रश्न नहीं. देश के सभी राज्य इसके ख़िलाफ़ जंग में एकजुट होंगे.

केरल के बाद कर्नाटक और बंगाल में भाजपा पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप

बंगाल कांग्रेस ने कहा, आज़ादी के बाद से बंगाल में सांप्रदायिकता और जाति कभी मुद्दा नहीं था, जानबूझकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा जा रहा है.

‘तृणमूल समर्थक अपनी बहू-बेटियों को बंगाल भेजकर देखें, 15 दिन में बलात्कार हो जाएगा’

रूपा गांगुली ने कहा, 'अगर बंगाल के बाहर के टीएमसी समर्थक अपनी बहू-बेटियों-बीवियों और मांओं को ममता बनर्जी का मेहमान बनाये बिना बंगाल भेज दें और 15 दिन में उनका बलात्कार न हो जाए, तब आकर मुझे बताना.'

ममता बनर्जी से पूछा जाना चाहिए कि सांप्रदायिकता से निपटने का आपका बेंचमार्क क्या है?

ममता न तो अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के आरोपों-अफवाहों पर लगाम कस पा रही हैं और न ही बहुसंख्यक उग्रता पर. आखिर सांप्रदायिकता को रोकने में बहुसंख्यक वोटों की सरकारों की तरह अल्पसंख्यक वोटों की सरकारें भी क्यों लाचार नज़र आती हैं?