सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार छात्र नेताओं के शपथ समारोह में मेरे जाने से डर गई. इसलिए मुझे इलाहाबाद जाने से रोका गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अखिलेश यादव के दौरे से कानून एवं व्यवस्था की समस्या हो सकती थी.
इतिहास गवाह है कि मंदिर को लेकर माहौल बनाने से चुनावी वैतरणी पार नहीं होती.
भारतीय राजनीति में करिश्माई नेतृत्व ने कई करिश्मे दिखाए हैं, लेकिन किसी भी दौर में करिश्मे के मुकाबले ज़मीनी समीकरण और समुदायों की गोलबंदियां ज्यादा प्रभावी रही हैं. फिलहाल कांग्रेस कम से कम यूपी में तो इन दोनों मोर्चों पर पिछड़ती नज़र आ रही है.
एक नागरिक और कार्यकर्ता के रूप में सतर्क रहना चाहिए कि राजनीति चंद परिवारों के हाथ में न रह जाए. लेकिन इस सवाल पर बहस करने योग्य न तो अमित शाह हैं, न नरेंद्र मोदी और न राहुल गांधी. सिर्फ जनता इसकी योग्यता रखती है. जब तक ये नेता कोई साफ़ लाइन नहीं लेते हैं, परिवारवाद के नाम पर इनकी बकवास न सुनें.
प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाए जाने पर भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया कि राहुल गांधी पार्टी को नेतृत्व देने में असफल रहे.
लंदन में हुई हैकर सैयद शुजा की प्रेस कॉन्फ्रेंस को दो हिस्से में देखा जाना चाहिए. एक ईवीएम को छेड़ने की तकनीक के रूप में, जिस पर हंसने वालों के साथ हंसा जा सकता है, मगर दूसरा हिस्सा हत्याओं के सिलसिले का है. एक कमरे में ईवीएम छेड़ने की तकनीकी जानकारी रखने वाले 11 लोगों को भून दिया जाए, यह बात फिल्मी लग सकती है तब भी इस पर हंसा नहीं जा सकता.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान की नई कांग्रेस सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी दोनों राज्यों की सरकारों को दिए गए समर्थन पर पुनर्विचार करेगी.
इस विधानसभा चुनाव में जितनी अधिक सीटें कांग्रेस ने पाई हैं, उतनी ही संख्या में भाजपा ने सीटें गंवाई हैं. पिछले चुनावों में कांग्रेस को 58 और भाजपा को 165 सीटें मिली थीं. इस बार कांग्रेस की सीटों में 56 की बढ़ोतरी हुई है. उसकी सीटें 114 हो गई हैं. वहीं, भाजपा की सीटें 56 कम होकर 109 रह गई हैं.
इन 10 सीटों में से 7 कांग्रेस ने जीतीं और 3 भाजपा ने. बहुमत से 7 सीट दूर रही भाजपा अगर इन पर जीत दर्ज कर लेती तो तस्वीर कुछ और होती.
भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी. मध्य प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस्तीफा देते हुए कहा, 'हमें बहुमत नहीं मिला है. हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. मैं गवर्नर को इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं.'
भाजपा से निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया इस्तीफा. प्रदेश में 230 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए 116 सीटें होनी जरूरी हैं. किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. सपा और बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया है.
मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 114 पर कांग्रेस, 109 पर भाजपा, दो पर बसपा, एक सीट पर सपा और चार सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली. बहुमत के लिए 116 सीटों की ज़रूरत होती है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ड्यूटी के दौरान इंदौर, गुना और धार में तीन मतदान कर्मचारियों की बीमारी के कारण मौत हो गई.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर द वायर की महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स.
विशेष रिपोर्ट: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता संवाद के दौरान कहा था कि विधानसभा चुनाव के ऐन समय पर दल बदलकर कांग्रेस में आने वाले नेताओं को पार्टी टिकट नहीं देगी लेकिन अब पार्टी ने दर्जनभर दलबदलुओं को अपना प्रत्याशी बनाया है.