अयोध्या में विवादित स्थल के बारे में एक नई रिट याचिका में केंद्र सरकार ने कहा कि शीर्ष अदालत विवादित स्थल के आस-पास अधिग्रहित की गई अविवादित ज़मीन पर से यथास्थिति बरक़रार रखने का आदेश हटा ले, जिससे वह हिस्सा उसके मूल मालिकों को वापस किया जा सके.
भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर की संविधान पीठ ने 29 जनवरी को सुनवाई के लिए ये मामला उठाने का फैसला किया था.
डॉ. केके मुहम्मद ने मलयालम में लिखी अपनी आत्मकथा 'जानएन्ना भारतीयन' में दावा किया है कि अयोध्या में 1976-77 में हुई खुदाई के दौरान मंदिर होने के प्रमाण मिले थे.
उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री ने नोटिस में कहा कि अयोध्या विवाद मामला गुरुवार को संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. पीठ में सीजेआई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नजीर होंगे.
वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि जस्टिस यूयू ललित ने वकील रहते बाबरी मस्जिद से संबंधित एक अवमानना मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की ओर से पैरवी की थी. इसके बाद जस्टिस ललित ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया.
अगला आदेश तीन जजों की एक उपयुक्त पीठ द्वारा पारित किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की समयबद्ध सुनवाई की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी.
उत्तर प्रदेश बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक ज़फरयाब जिलानी ने बताया कि वे अदालती कार्यवाही से संतुष्ट हैं, लेकिन अगर मोदी सरकार मंदिर बनाने पर कोई अध्यादेश या क़ानून लाती है, तो उसे चुनौती दी जाएगी.
फैज़ाबाद से निकलने वाले हिन्दी दैनिक जनमोर्चा के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह की किताब ‘अयोध्या- रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद का सच’ बताती है कि अयोध्या विवाद में सारी पेचीदगियां राजनीति द्वारा अपनी स्वार्थ साधना के लिए इस मुद्दे के बेजा इस्तेमाल से पैदा हुई हैं.
अयोध्या महानगर पालिका की ओर से जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों के मालिकों और प्रबंधकों को नोटिस जारी किया जा चुका है.
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर चल रहे विवाद पर भाजपा अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी अदालत के फैसले का इंतज़ार करेगी और शीतकालीन सत्र में कोई अध्यादेश या बिल नहीं लाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर महाभियोग प्रस्ताव के जरिए सुप्रीम कोर्ट के जजों को डराने धमकाने का भी आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं.
शिवसेना में अपने मुखपत्र में लिखे संपादकीय में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर मंदिर निर्माण का मुद्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोज़ी-रोटी के अलावा कई लोगों की ज़ुबान बंद हो जाएगी.
उत्तर प्रदेश में बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर अयोध्या में जब विवादित स्थल पर खुदाई की गई थी, तो वहां तथागत से जुड़े अवशेष निकले थे.
वीडियो: क्या है राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का क़ानूनी पक्ष, बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की वकील अवनि बंसल.
उच्चतम न्यायालय में हिंदू संगठनों तर्क दिया कि मामले की सुनवाई के लिए इस वृहद पीठ को नहीं सौंपा जाना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी.