उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं खस्ताहाल, बिना बिजली-पानी के चल रहे हैं अस्पताल

लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है. कई राज्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सकों की कमी से जूझते हुए बिजली, पानी, शौचालय आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं के बगैर काम कर रहे हैं.

मणिपुर और जम्मू कश्मीर में दर्ज हुए यूएपीए के सबसे ज़्यादा मामले

राज्यसभा में गृह मंत्रालय द्वारा बताया गया कि साल 2017 में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम क़ानून (यूएपीए) के तहत सर्वाधिक गिरफ्तारियां उत्तर प्रदेश में हुईं.

दिल्ली में सीवर की सफाई करने उतरे एक व्यक्ति की मौत, दो गिरफ्तार

दिल्ली के लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येंद्र जैन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और मृतक सफाईकर्मी के परिवार को दस लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.

प्रसिद्ध गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन

बिहार के भोजपुर ज़िले से आने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह लंबे समय से सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे. उन्होंने 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से गणित में पीएचडी की थी और कुछ समय के लिए नासा में भी काम किया था.

बिहार: रंगदारी देने से इनकार करने पर मवेशी ले जा रहे व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

घटना कटिहार ज़िले की है, जहां एक मवेशी व्यवसायी के कर्मचारी द्वारा कथित तौर पर रंगदारी देने से मना करने पर मारपीट की गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

सांप्रदायिक दंगों में बिहार अव्वल क्यों है?

एक साल की देरी से जारी किए गए एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 में देश में दंगों की कुल 58,729 वारदातें दर्ज की गईं. इनमें से 11,698 दंगे बिहार में हुए. वर्ष 2017 में ही देश में कुल 723 सांप्रदायिक/धार्मिक दंगे हुए. इनमें से अकेले बिहार में 163 वारदातें हुईं, जो किसी भी सूबे से ज़्यादा है.

सीवर में मौत: क़रीब 50 फीसदी पीड़ित परिवारों को ही मिला 10 लाख का मुआवज़ा

विशेष रिपोर्ट: द वायर द्वारा आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 1993 से साल 2019 तक महाराष्ट्र में सीवर सफाई के दौरान हुई 25 लोगों की मौत के मामले में किसी भी पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवज़ा नहीं दिया गया. वहीं, गुजरात में सीवर में 156 लोगों की मौत के मामले में सिर्फ़ 53 और उत्तर प्रदेश में 78 मौत के मामलों में सिर्फ़ 23 में ही 10 लाख का मुआवज़ा दिया गया.

बिहार: जहानाबाद में फिर सांप्रदायिक हिंसा, एक व्यक्ति की जान गई, धारा 144 लागू

बीते बृहस्पतिवार को भी जहानाबाद के अरवाल मोड़ के पास जब मूर्तियां विसर्जन के लिए ले जाई जा रही थीं, तब जुलूस पर पत्थर फेंका गया था. इसके बाद दोनों पक्ष में भारी पथराव हुआ और 14 लोग घायल हो गए थे.

बिहार: पार्षद पुत्र द्वारा हत्या के बाद भीड़ ने जय श्री राम का नारा लगाते हुए जमकर पीटा

बिहार के कैमूर ज़िले के भभुआ शहर का मामला. पार्षद पुत्र पर एक युवक की गोली मारकर हत्या करने का आरोप था. घटना के बाद तनाव का माहौल.

देशभर में इस साल मानसूनी बारिश और बाढ़ से क़रीब 1,900 लोगों की मौत: सरकार

बिहार में इस साल 161 लोगों की मौत बाढ़ और बारिश से हो मौत हो चुकी है. बीते 27 से 30 सितंबर की बारिश के बाद राज्य में मरने वालों की संख्या 73 हुई. राजधानी पटना के कंकड़बाग, राजेंद्रनगर और पाटलिपुत्र में बैंक, दुकानें, निजी अस्पताल और कोचिंग संस्थान एक हफ्ते से बंद हैं.

देशभर में वर्षाजनित हादसों में 148 लोगों की मौत, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई इलाके डूबे

भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि देश में 1994 के बाद इस मानसून में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बिहार में बाढ़ के लिए हथिया नक्षत्र को ज़िम्मेदार ठहराया.

‘हमने भारी बारिश की चेतावनी दी थी, ताकि बिहार सरकार स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे’

विशेष रिपोर्ट: बिहार की राजधानी पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक ने बताया कि 26 सितंबर से ही हम लोग वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के ज़रिये राज्य की एजेंसियों को बता रहे थे कि भीषण बारिश होगी. हमने राज्य सरकार को भी इसकी सूचना भेजी थी.

बिहार में जानकारी की कमी से उपलब्धता के बावजूद बच्चों को नहीं मिल रहा पोषक आहार: रिपोर्ट

केयर फाउंडेशन और प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल इन इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि 65 फीसदी घरों में विविध प्रकार के पोषक आहार उपलब्ध हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में केवल 13 प्रतिशत परिवार ही आठ महीने से डेढ़ वर्ष के बच्चों को उपयुक्त पोषक तत्व दे रहे हैं.

बिहार के अनुदान आधारित शिक्षकों की समस्या पर ध्यान क्यों नहीं दे रही सरकार?

बिहार के अनुदान आधारित विद्यालयों में नियुक्त शिक्षक लंबे समय से अनुदान के बदले सरकारी स्कूलों की तरह वेतनमान की मांग कर रहे हैं. इन शिक्षकों ने नई दिल्ली में धरना देकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई है.

बिहार: ज़मीन के मालिक तो बन गए, लेकिन ज़मीन न मिली

बिहार में भूमि सुधार के तहत भूमिहीनों को ज़मीन का पट्टा दिया गया था. काग़ज़ों पर तो ये लोग ज़मीन के मालिक बन गए हैं, लेकिन वास्तव में अब तक इन्हें ज़मीन का क़ब्ज़ा नहीं मिल सका है.

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