कर्नाटक के बीदर में एक स्कूल में हुए नाटक को लेकर दर्ज हुई राजद्रोह की एफआईआर रद्द कराने के लिए एक मानवाधिकार कार्यकर्ता द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया था कि ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करने से पहले शिकायत की जांच के लिए एक समिति बनाई जानी चाहिए.
बीदर की ज़िला अदालत ने स्कूल प्रबंधन के पांच लोगों को अग्रिम ज़मानत देते हुए कहा कि यह स्कूली बच्चों द्वारा किया गया नाटक समाज में किसी भी तरह की हिंसा या असामंजस्य पैदा नहीं करता और प्रथमदृष्टया राजद्रोह का मामला नहीं बनता.
बीदर के शाहीन स्कूल में बच्चों द्वारा सीएए विरोधी नाटक का मंचन करने पर पिछले महीने राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था और स्कूल की संचालिका फरीदा बेगम और एक छात्र की मां को गिरफ़्तार किया गया था.
कर्नाटक स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के अध्यक्ष एंटनी सेबेस्टियन ने बीदर पुलिस के अधिकारियों को एक पत्र लिखकर कहा है कि पुलिस की जांच में शाहीन स्कूल में डर का माहौल बनाया गया और पुलिस को तुरंत स्कूली बच्चों से पूछताछ बंद कर देनी चाहिए.
पिछले महीने कर्नाटक के बीदर के शाहीन स्कूल के खिलाफ बच्चों द्वारा सीएए विरोधी नाटक का मंचन करने के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. पहले की तरह ही छात्रों से नाटक किसने लिखा, किसने तैयारी कराई और उन्हें लाइनें किसने रटाईं जैसे सवाल पूछे गए.
एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर कर्नाटक के शाहीन स्कूल और इसके प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. स्कूल प्रबंधन ने पुलिस पर छात्रों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.