उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद भड़की भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी. राज्य में पसरे गुंडाराज पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या का मुख्य आरोपी योगेश राज द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में सात लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसमें से छह नाम फ़र्ज़ी निकले हैं.
बीते सोमवार को बुलंदशहर के स्याना गांव में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा के दौरान गोली लगने से सुमित की मौत हो गई थी. इसके अलावा एक पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार की भी मौत हो गई थी.
परिवार ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के समान ही युवक का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से करने, 50 लाख रुपये का मुआवज़ा, माता-पिता को पेंशन और भाई को नौकरी देने की भी मांग की है.
बुलंदशहर के स्याना गांव में बीते सोमवार को कथित गोकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.
एक ऐसी भीड़ है, जिसे नफ़रत की बातों से प्रोगाम किया जा चुका है. ये हर तरफ खड़ी है, ज़रा सी अफ़वाह की चिंगारी से एक्शन में आ जाती है. किसी को घेर लेती है, मार देती है और इससे हिंसा की जवाबदेही किसी नेता पर नहीं आती.
सोमवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में भड़की भीड़ की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मृत्यु हो गई थी. इंस्पेक्टर दादरी के अख़लाक़ लिंचिंग मामले में जांच अधिकारी थे