गृह मंत्रालय बताए, भगत सिंह शहीद हैं या नहीं: सीआईसी

केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा सरकार स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करती है, पेंशन देती है, लेकिन भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के परिवार को वित्तीय सहायता देना तो दूर, उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जाता.

मैंने भाजपा से इस्तीफ़ा दिया क्योंकि…

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव की टीम का हिस्सा रहे शिवम शंकर सिंह कहते हैं, ‘मैं 2013 से भाजपा का समर्थक था क्योंकि नरेंद्र मोदी देश के लिए उम्मीद की किरण की तरह लगते थे और मुझे उनके विकास के नारे पर विश्वास था. अब वो नारा और उम्मीद दोनों जा चुके हैं.’

क्यों राजनीति ने उर्दू को मुसलमान बना दिया है?

आम जनमानस में उर्दू मुसलमानों की भाषा बना दी गई है, शायद यही वजह है कि रमज़ान की मुबारकबाद देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उर्दू को चुना. सच यह है कि जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल जैसे कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उर्दू नहीं बोली जाती.

भगवतीचरण वोहरा: जिनके त्याग के आगे भगत सिंह को अपना बलिदान तुच्छ नज़र आता था

शहादत दिवस पर विशेष: क्रांतिकारी भगवतीचरण वोहरा के निधन पर भगत सिंह के शब्द थे, ‘हमारे तुच्छ बलिदान उस श्रृंखला की कड़ी मात्र होंगे, जिसका सौंदर्य कॉमरेड भगवतीचरण वोहरा के आत्मत्याग से निखर उठा है.’

मीडिया बोल, एपिसोड 49: प्रधानमंत्री का इतिहास ज्ञान, जनतंत्र और मीडिया

मीडिया बोल की 49वीं कड़ी में उर्मिलेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाषणों में ग़लत ऐतिहासिक तथ्यों के इस्तेमाल और मीडिया की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद कुमार और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद से चर्चा कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई कांग्रेसी जेल में क्रांतिकारियों से नहीं मिला, पर सच ये नहीं है

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे नरेंद्र मोदी का कांग्रेस के किसी नेता के भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त से जेल में न मिलने के बारे में किया गया दावा बिल्कुल ग़लत है.

भगत सिंह और नेहरू को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जो बोला है, वो ग़लत नहीं बल्कि झूठ है

नेहरू से लड़ते-लड़ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चारों तरफ नेहरू का भूत खड़ा हो गया. नेहरू का अपना इतिहास है. वो किताबों को जला देने और तीन मूर्ति भवन के ढहा देने से नहीं मिटेगा. यह ग़लती ख़ुद मोदी कर रहे हैं.

राम मनोहर लोहिया: सच्चे लोकतंत्र की शक्ति सरकारों के उलट-पुलट में बसती है

लोहिया कहते थे कि किसी शख़्सियत का जन्मदिन मनाने या उसकी मूर्ति लगाने से, उसके निधन के 300 साल बाद तक परहेज रखना चाहिए ताकि इतिहास निरपेक्ष होकर यह फैसला कर पाए कि वह इसकी हक़दार थी या नहीं.

जिन क्रांतिकारियों के सहारे संघ गांधी पर निशाना साधता है, वे आरएसएस कैंप से नहीं आये थे

आरएसएस अगर आज़ादी की लड़ाई के बारे में बात करे तो वो क्या बताएगा? अगर वो सावरकर के बारे में बताएगा तो अंग्रेजों को लिखे गए सावरकर के माफ़ीनामे सामने आ जाते हैं.

आज अगर लोहिया होते तो गैर-भाजपावाद का आह्वान करते

लोहिया ने नेहरू जैसे प्रधानमंत्री को यह कहकर निरुत्तर कर दिया था कि आम आदमी तीन आने रोज़ पर गुज़र करता है, जबकि प्रधानमंत्री पर रोज़ाना 25 हज़ार रुपये ख़र्च होते हैं.

‘हम चाहते हैं भगत सिंह की न्यायिक हत्या के लिए ब्रितानी हुकूमत भारत और पाकिस्तान से माफी मांगे’

भगत सिंह को निर्दोष साबित करने के लिए पाकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल करने वाले भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष और वकील इम्तियाज़ राशिद क़ुरैशी से बातचीत.

मै नास्तिक क्यों हूं?

मेरे एक दोस्त ने मुझे प्रार्थना करने को कहा. जब मैंने उसे नास्तिक होने की बात बताई तो उसने कहा, ‘अपने अंतिम दिनों में तुम विश्वास करने लगोगे.’ मैंने कहा, ‘नहीं, प्यारे दोस्त, ऐसा नहीं होगा. मैं इसे अपने लिए अपमानजनक तथा भ्रष्ट होने की बात समझता हूं. स्वार्थी कारणों से मैं प्रार्थना नहीं करूंगा.’