एक हताश मां का संघर्ष, जिसके बेटे की हत्या का आरोप मणिपुर सीएम के बेटे पर है

साक्षात्कार: छह साल से मणिपुर की एक मां अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए भटक रही है. उनके बेटे की हत्या का आरोप राज्य के मुखिया एन. बीरेन सिंह के बेटे पर है.

चित्रकथा: चूराचांदपुर में आठ शवों को 20 महीने बाद दी गई अंतिम विदाई

साल 2015 में मणिपुर के चूराचांदपुर में सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हुई पुलिस फायरिंग में इनकी मौत हो गई थी.

इरोम शर्मिला की हार हम सबकी हार है

जब तक इरोम अनशन कर रही थीं, वे मणिपुरी जनता के लिए ‘आइकॉन’ थीं, संघर्ष का प्रतीक थीं, मणिपुर क्या, देश भर के लोग उन्हें ‘हीरो’ मानते थे, पर नायक तो वोट नहीं मांगते! ये कुछ उस तरह था कि भगवान ज़मीन पर आ जाएं, शादी करके आम ज़िंदगी बिताना चाहें या अपने लिए चुनाव में वोट मांगें. उनके ऐसा करते ही उनके भक्त घबरा जाते हैं.

‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का सपना देखने वाली भाजपा कांग्रेस युक्त होती जा रही है

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ करने की इतनी जल्दी में है कि वे छह माह पहले कांग्रेस से भाजपा में आए नेता को मुख्यमंत्री बना दे रहे हैं.ऐसे दूसरे बहुत से नेता मंत्रिपद हासिल कर ले रहे हैं. आखिर इस तरह के नेताओं के सहारे मिली जीत भाजपा के लिए कितनी फायदेमंद होगी?

मणिपुर में 130 दिन से जारी आर्थिक नाकेबंदी ​ख़त्म

राज्य की पूर्व ओकराम इबोबी सिंह सरकार के सात नए ज़िले बनाने के फैसले के ख़िलाफ़ यूनाइटेड नगा काउंसिल ने एक नवंबर, 2016 से आर्थिक नाकेबंदी की शुरुआत की थी.

जन की बात: राजनीति में विपक्ष और इरोम शर्मिला, एपिसोड 18

जन की बात की 18वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ भारतीय राजनीति में विपक्ष की दशा और मणिपुर में इरोम शर्मिला की मिले 90 वोट पर चर्चा कर रहे हैं.

गोवा और मणिपुर में राज्यपालों का फैसला सही

संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का मानना है कि गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बजाय भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना संविधान सम्मत है. राज्यपाल अपने विवेक से किसी भी पार्टी को न्यौता दे सकता है.

इरोम की हार और लोकतंत्र का शोकगीत: ‘थैंक्स फॉर 90 वोट्स’

मानवता के इतिहास में तमाम करुण कहानियां अनकही रही गई हैं. इरोम शर्मिला का अपनी मुसलसल हार के लिए जनता को धन्यवाद देना वैसी ही एक अनकही कहानी है.

ऑडियो : मणिपुर में 16 साल के अनशन के बाद इरोम शर्मिला को क्यों मिले मात्र 90 वोट?

इरोम पीपुल्स रिइंसर्जेंस एंड जस्टिस अलाएंस नाम की पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरी थीं. इरोम से ज़्यादा वोट नोटा को मिले. इस बारे में द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरूआ पिशारोती से अमानत खुल्लर की बातचीत.