माओवादी

छत्तीसगढ़: ‘आदिवासियों को भी विकास चाहिए, लेकिन वैसे नहीं जैसे सरकार चाहती है’

बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के सिलगेर गांव में 20 दिनों से हज़ारों ग्रामीण आंदोलनरत हैं. उनका कहना है कि उन्हें जानकारी दिए बिना उनकी ज़मीन पर राज्य सरकार ने सुरक्षाबल के कैंप लगा दिए हैं. ग्रामीणों को हटाने के लिए हुई पुलिस की गोलीबारी में तीन ग्रामीणों की मौत हुई है, जिसके बाद से आदिवासियों में काफ़ी आक्रोश है.

छत्तीसगढ़: फायरिंग में तीन लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले के सिलगर गांव स्थित सीआरपीएफ के सुरक्षा शिविर के विरोध में आदिवासियों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था. इन प्रदर्शनों के दौरान पुलिस फायरिंग में बीते 17 मई को तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए थे. सुरक्षाबलों ने मारे गए लोगों को माओवादी बताया था और मृतकों के परिजनों ने इस बात से इनकार किया है.

छत्तीसगढ़: सुरक्षा शिविर का हो रहा विरोध, प्रदर्शन में मारे गए लोगों को पुलिस ने माओवादी बताया

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सिलगर गांव में बने सीआरपीएफ के शिविर का आदिवासी विरोध कर रहे हैं. 17 मई को पुलिस फायरिंग में मारे गए तीन लोगों को ​पुलिस ने माओवादी बताया है, जबकि उनके परिजन इस बात से इनकार कर रहे हैं.

GN Saibaba PTI

उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे जीएन साईबाबा को डीयू के कॉलेज से बर्ख़ास्त किया गया

2017 में ‘माओवादी संबंधों’ को लेकर दोषी ठहराए गए दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामलाल आनंद कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर जीएन साईबाबा नागपुर जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे हैं. उनकी पत्नी वसंता का कहना है कि वे उनकी बर्ख़ास्तगी को अदालत में चुनौती देंगी.

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महाराष्ट्रः जेल में बंद डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा कोरोना संक्रमित

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की एक अदालत ने 2017 में जीएन साईबाबा और चार अन्य को माओवादियों से संपर्क रखने और देश के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए सज़ा सुनाई थी. तब से वह नागपुर जेल में बंद हैं.

बस्तर की एकमात्र आदिवासी महिला पत्रकार को मौत की धमकी पर मीडिया संगठन ने चिंता जताई

छत्तीसगढ़ के बस्तर की एकमात्र आदिवासी महिला पत्रकार पुष्पा रोकड़े को 13 दिसंबर 2020 और 28 जनवरी 2021 को जान से मारने की धमकी मिली है. ये धमकियां कथित तौर पर माओवादी दक्षिण बस्तर पामेड एरिया समिति द्वारा दी गई हैं.

भाजपा नेताओं की तरह सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा- किसान आंदोलन में हुई खालिस्तानी घुसपैठ

सुप्रीम कोर्ट में सरकार की इस स्वीकारोक्ति से पहले पिछले कुछ महीनों में कई भाजपा नेता किसान आंदोलन में खालिस्तानियों के शामिल होने का आरोप लगा चुके हैं. यहां तक कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और कृषि नरेंद्र तोमर ने भी इस संबंध में माओवादी और टुकड़-टुकड़े गैंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है.

एल्गार परिषद: नवलखा, बाबू और भारद्वाज ने कहा, उन्हें भेजी गईं किताबें जेल प्रशासन लौटा दे रहा है

एल्गार परिषद मामले में जेल में बंद कार्यकर्ताओं गौतम नवलखा, हेनी बाबू और सुधा भारद्वाज ने कहा है कि पिछले कई महीने से परिवार द्वारा भेजी जा रहीं किताबें उन्हें नहीं मिल रही हैं. हालांकि जेल प्रशासन ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.

कोलकाताः नए कृषि क़ानूनों के विरोध में जेल में बंद कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर

कोलकाता की दमदम केंद्रीय जेल में बंद 10 कार्यकर्ता सांकेतिक भूख हड़ताल पर हैं. इन्होंने पत्र लिखकर केंद्र सरकार पर लॉकडाउन और महामारी का लाभ उठाकर कॉरपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि क़ानून पारित करने का आरोप लगाया है.

किसान आंदोलन: सरकार का ‘टुकड़े-टुकड़े’ राग और सीएए आंदोलन का एक साल

वीडियो: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नए कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आंदोलन ज्यादातर वामपंथियों और माओवादियों के हाथ में चला गया है. इस मुद्दे पर डीयू के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

New Delhi: Author and activist Arundhati Roy addresses a protest organised by the activists of Campaign against State Repression on Rights over various issues, at Jantar Mantar in New Delhi on Friday, Aug 3, 2018. (PTI Photo/Atul Yadav) (PTI8_3_2018_000071B)

एबीवीपी की आपत्ति के बाद तमिलनाडु की यूनिवर्सिटी ने पाठ्यक्रम से अरुंधति रॉय की किताब हटाई

तिरुनेल्वेली की एम. सुंदरनर यूनिवर्सिटी के वीसी ने बताया कि उन्हें एबीवीपी से शिकायत मिली थी कि बीए के पाठ्यक्रम में शामिल बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधति रॉय की किताब ‘वॉकिंग विद द कॉमरेड्स’ में लेखक के माओवादी इलाकों में जाने को लेकर विवादित कंटेट है, जिसके बाद इसे सिलेबस से हटा दिया गया.

एल्गार परिषद मामला: एनआईए का दावा, आरोपी ‘दलित मिलिटेंसी’ शुरू करने की कोशिश कर रहे थे

एल्गार परिषद मामले में दायर तीसरी चार्जशीट में एनआईए ने कहा है कि आरोपियों ने ‘जंगलों में जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग’ ली थी. अपने आरोपपत्र में एनआईए ने पुणे पुलिस द्वारा ‘प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश रचने’ के दावे को तवज्जो नहीं दी है.

एनआईए ने गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए कहा- आरोपी ने सोशल मीडिया पर लाल सलाम, कॉमरेड लिखा था

एनआईए ने असम के किसान नेता अखिल गोगोई और उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ दायर चार्जशीट में ये कहा है. गोगोई के संगठन ने आरोप लगाया है कि एनआईए उनके सदस्यों को माओवादी ठहराने की कोशिश कर रही है.

क्वारंटीन सेंटर की बदहाली दिखाने पर उत्तर प्रदेश में पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज

मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का है. एक न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार रविंद्र सक्सेना को सरकारी काम में बाधा डालने, आपदा प्रबंधन और हरिजन एक्ट आदि के तहत आरोपी बनाया गया है.

भीमा-कोरेगांव: तेलतुम्बड़े की अंतरिम जमानत याचिका खारिज, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए

70 वर्षीय दलित अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े ने जेल में कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा बताते हुए जमानत अर्जी दी थी. एनआईए ने स्वीकार किया कि उनका एक सहायक सब इंस्पेक्टर कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है. इसके बाद भी अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी.