केरल के ज़्यादातर हिस्सों को रविवार को बारिश से राहत मिली. मौसम विभाग की अगले चार दिनों में भारी वर्षा की कोई चेतावनी नहीं है. कर्नाटक में 3,500 लोगों को बचाया गया. तमिलनाडु में 14,000 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया.
बारिश के बीच भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं. केरल सरकार ने आपदा से 19,512 करोड़ रुपये की क्षति की सूचना दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 करोड़ रुपये की घोषणा की, जबकि राज्य सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है.
बीते 29 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून आने के बाद केरल में 385 लोग मारे जा चुके हैं. तकरीबन 3.14 लाख लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. चेंगन्नूर के विधायक साजी चेरियन ने कहा कि हज़ारों लोग खाने-पीने की चीज़ों के बिना घरों में फंसे हुए हैं. इनकी जान का ख़तरा है. संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई.
उत्तर पूर्व में भारी बारिश की वजह से कई राज्यों में बाढ़ जैसी स्थितियां बन गई हैं. बांग्लादेश की सीमा से लगे मिज़ोरम के लंगलेई ज़िले में जनजीवन अस्त-व्यस्त.