कोविड संकट के बीच जान और नौकरी गंवाते पत्रकारों की सुनने वाला कौन है?

कोविड संक्रमण के ख़तरे के बीच भी देशभर के मीडियाकर्मी लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन मीडिया संस्थानों की संवेदनहीनता का आलम यह है कि जोखिम उठाकर काम रहे इन पत्रकारों को किसी तरह का बीमा या आर्थिक सुरक्षा देना तो दूर, उन्हें बिना कारण बताए नौकरी से निकाला जा रहा है.

मीडिया बोल: राजस्थान में सरकार-पलट प्रोजेक्ट और न्यूज़ चैनल

वीडियो: राजस्थान में कई दिनों से चल रही सियासी खींचतान के बीच सचिन पायलट को उपमुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया गया. इस घटनाक्रम और इस दौरान मीडिया की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

क्रिकेट सम्राट: क्रिकेट के चाहने वालों ने मानो पुराना साथी खो दिया…

क्रिकेट संबंधी हर छोटी-बड़ी जानकारी और आंकड़े सहेजने वाली 'क्रिकेट सम्राट' पत्रिका अब से नहीं छपेगी. क़रीब 42 बरसों तक देश में क्रिकेट के चाहने वालों के लिए किसी पसंदीदा उपन्यास-सी प्रिय रही पत्रिका का प्रकाशन लॉकडाउन के चलते हुए घाटे के कारण बंद कर दिया गया है.

मीडिया बोल: मीडिया में मौतें, मायूसी और बढ़ती बेकारी!

वीडियो: राजधानी दिल्ली में 37 वर्षीय कोरोना वायरस से संक्रमित एक पत्रकार ने एम्स की चौथी मंजिल से कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली है. उनके निधन के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

विनोद दुआ राजद्रोह मामले में जांच रिपोर्ट नहीं सौंपने पर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई

एक भाजपा नेता द्वारा पत्रकार विनोद दुआ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने एक वीडियो शो के माध्यम से ‘फ़र्ज़ी सूचनाएं’ फैलाई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. शिकायत पर ​हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राजद्रोह का मामला दर्ज किया है.

द हिंदू ने 20 पत्रकारों को निकाला, बंद हो सकता है मुंबई संस्करण

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते मीडिया में नौकरियों के जाने का सिलसिला लगातार जारी है. सोमवार को द हिंदू के मुंबई ब्यूरो के 20 पत्रकारों को एचआर विभाग की ओर से इस्तीफ़ा देने को कहा गया है.

मीडिया बोल: चीनी घुसपैठ के बहाने कोरोना नाकामी पर पर्दा डालते चैनल

वीडियो: पिछले कई दिनों से भारत-चीन सीमा पर हो रहे तनाव के कारण देश में कोरोना वायरस से हो रहीं मौतों को मीडिया और सरकार अनदेखा कर रही है. देश में बढ़ रही ग़रीबी और बेरोज़गारी पर न तो सरकार का कोई ध्यान है और न ही मीडिया का. इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

लॉकडाउन के दौरान 55 पत्रकारों को मिली धमकियां, मुक़दमे और गिरफ़्तारी: रिपोर्ट

कोविड-19 महामारी के दौरान मीडिया को लेकर जारी राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार 25 मार्च से 31 मई, 2020 के बीच विभिन्न पत्रकारों के ख़िलाफ़ 22 एफआईआर दर्ज की गईं, जबकि कम से कम 10 को गिरफ़्तार किया गया. इस अवधि में मीडियाकर्मियों पर सर्वाधिक 11 हमले उत्तर प्रदेश में हुए.

जम्मू कश्मीर की नई मीडिया नीति प्रेस की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाली है: प्रेस काउंसिल

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बीते दिनों राज्य की नई मीडिया नीति को मंज़ूरी दी है, जिसके तहत प्रशासन प्रकाशित-प्रसारित सामग्री की निगरानी करेगा और यह तय करेगा कि कौन-सी ख़बर ‘फेक, एंटी सोशल या एंटी-नेशनल रिपोर्टिंग’ है. प्रेस काउंसिल ने इस बारे में प्रशासन से जवाब मांगा है.

सुशांत की आत्महत्या, चैनलों की संवेदना की मौत

वीडियो: 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की अचानक मृत्यु के बाद कुछ समाचार चैनलों ने इस बारे में स्तरहीन ख़बरें चलाईं, जिसकी काफ़ी आलोचना हुई. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

सुप्रीम कोर्ट का विनोद दुआ के ख़िलाफ़ जांच रद्द करने से इनकार, तत्काल गिरफ़्तारी पर रोक

पत्रकार विनोद दुआ विभिन्न राज्यों में उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर रद्द करने की अपील के साथ शीर्ष अदालत पहुंचे थे. सुप्रीम कोर्ट ने छह जुलाई तक उनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगाते हुए केंद्र, हिमाचल प्रदेश सरकार और पुलिस को नोटिस जारी कर कहा कि दुआ से पूछताछ के लिए उन्हें 24 घंटे का नोटिस देना होगा.

अब जम्मू कश्मीर प्रशासन तय करेगा फेक न्यूज़ और राष्ट्र विरोधी पत्रकारों की परिभाषा

दो जून को जारी जम्मू कश्मीर की नई मीडिया नीति के अनुसार, सरकार अख़बारों और अन्य मीडिया चैनलों पर आने वाली सामग्री की निगरानी कर यह तय करेगी कि कौन-सी ख़बर 'फेक, एंटी सोशल या एंटी-नेशनल' है. ऐसा पाए जाने पर संबंधित संस्थान को सरकारी विज्ञापन नहीं दिए जाएंगे, साथ ही उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पत्रकारिता सिर्फ एक व्यक्ति से की गई उम्मीद से नहीं सिस्टम और संसाधन से चलती है

रिपोर्टिंग की प्रथा को संस्थानों के साथ समाज ने भी ख़त्म किया, वह अपनी राजनीतिक पसंद के कारण मीडिया और जोख़िम लेकर ख़बरें करने वालों को दुश्मन की तरह गिनने लगा. कोई भी रिपोर्टर एक संवैधानिक माहौल में ही जोखिम उठाता है, जब उसे भरोसा होता है कि सरकारें जनता के डर से उस पर हाथ नहीं डालेंगी.

क्या अपने नाम की वजह से नौकरी से निकाले गए पायलट आसिफ़ ख़ान?

वीडियो: हवाई सेवा प्रदाता कंपनी गो एयर ने ट्विटर पर एक बयान जारी करके अपने पायलट आसिफ़ ख़ान को सोशल मीडिया पर हुए एक विवाद के बाद नौकरी से निकाल दिया है.

भाजपा नेता की शिकायत पर पत्रकार विनोद दुआ के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज

भाजपा प्रवक्ता नवीन कुमार द्वारा वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर 'फ़र्ज़ी ख़बर फैलाने' का आरोप लगाया गया है. वहीं, बेंगलुरु में एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व निदेशक आकार पटेल पर सोशल मीडिया पर 'भड़काऊ' पोस्ट करने का मामला दर्ज किया गया है.

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