जस्टिस एसए बोबडे होंगे अगले मुख्य न्यायाधीश, 18 नवंबर को लेंगे शपथ

हाल ही में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट में अपने बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश एसए बोबडे को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफ़ारिश की थी.

उन्नाव रेप केस: पीड़िता ने एक्सीडेंट से करीब दो हफ्ते पहले सीजेआई को पत्र लिखकर मदद मांगी थी

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र में पीड़िता ने कहा था, 'लोग मेरे घर पर आए और मामला वापस लेने के लिए धमकाया. उन्होंने कहा कि अगर मैं ऐसा नहीं करती हूं तो पूरा परिवार फर्जी मामलों में जेल में डाल दिया जाएगा.'

सुप्रीम कोर्ट पारदर्शिता को लेकर खड़ा रहता है लेकिन अपनी बारी पर पीछे हट जाता है: प्रशांत भूषण

सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत और भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद आरटीआई के तहत सार्वजनिक प्राधिकार है या नहीं, इस सवाल पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

आरटीआई में जजों की नियुक्ति से जुड़ी जानकारी देने से कॉलेजियम की कार्यप्रणाली प्रभावित होगी

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा यह तर्क दिया गया है कि एक न्यायाधीश की नियुक्ति से संबंधित जानकारी व्यक्तिगत होती है, इसलिए आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (जे) के तहत ऐसी जानकारी का खुलासा करने से छूट दी गई है.

सीजेआई की आवाज़ में फर्ज़ी कॉल, कुछ वकीलों को जज के पद पर सिफारिश करने की बात कही गई

तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. राधाकृष्णन और कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एल. नारायण स्वामी को ये फर्ज़ी कॉल प्राप्त हुए थे. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं और एफआईआर दर्ज की गई है.

जजों की नियुक्ति: एनजेएसी क़ानून को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज

सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को जजों द्वारा जजों की नियुक्ति की 22 साल पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले एनजेएसी क़ानून, 2014 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित किया था.

प्रधान न्यायाधीश पद पर जस्टिस गोगोई की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका ख़ारिज

जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका में शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों जिसमें जस्टिस गोगोई भी शामिल थे, की 12 जनवरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को आधार बनाया गया था.

‘रिटायरमेंट के बाद जजों को नियुक्ति देना अदालतों को प्रभावित करने में सरकार की मदद करता है’

2012 में अरुण जेटली ने कहा था कि रिटायरमेंट के फौरन बाद जजों को किसी नए सरकारी पद पर नियुक्त करना न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए ख़तरनाक हो सकता है, लेकिन उनकी इस सलाह को उनकी ही सरकार में कोई तवज्जो नहीं दी गई है.

चीफ जस्टिस ही मास्टर ऑफ रोस्टर, इसमें कोई संदेह नहीं: सुप्रीम कोर्ट

चीफ जस्टिस द्वारा मामलों के आवंटन पर पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण की याचिका पर जवाब देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सीजेआई की भूमिका समकक्षों के बीच प्रमुख की होती है, उन्हें विभिन्न पीठों को मामले को आवंटित करने का विशेषाधिकार होता है.

मामलों के आवंटन पर कई न्यायाधीश निर्णय लेंगे तो अराजकता पैदा हो जाएगी: अटॉर्नी जनरल

वकील दुष्यंत दवे और याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने उस तरीके पर सवाल उठाए जिस तरीके से नियमों को ताक पर रखकर कुछ ख़ास पीठों को संवेदनशील मामले आवंटित किए जा रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के कार्यरत जज को उसके पद से हटाना आसान नहीं है

संविधान में किसी कार्यरत जज को उसके पद से हटाए जाने की प्रक्रिया बेहद जटिल है. संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर राष्ट्रपति ही उन्हें हटा सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट का अस्तित्व ख़तरे में, कार्यपालिका से असंतोष का अंजाम भोगना होगा: जस्टिस जोसेफ

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा है, 'नियुक्ति के संबंध में कॉलेजियम कीअनुशंसाओं पर सरकार का कुंडली मारकर बैठे रहना कानूनन सत्ता का दुरुपयोग है.'

क्या न्यायपालिका की स्वतंत्रता छीन रही है मोदी सरकार?

केंद्र सरकार पर न्यायिक नियुक्तियों को प्रभावित करने के आरोप लग रहे हैं. बीते कुछ सालों में हुई नियुक्तियों पर गौर करें तो ऐसे कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं जो भविष्य की एक ख़तरनाक तस्वीर बनाते हैं.

बिड़ला-सहारा डायरी और जज लोया केस वर्तमान शासकों को बहुत बेचैन करने वाला है: अरुण शौरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया घटनाक्रम, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और मीडिया की दशा पर द वायर से बातचीत की. यह साक्षात्कार ईमेल के ज़रिये किया गया.