मुज़फ्फ़रपुर

बिहार: कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से तीन दिन में पांच लोगों की मौत

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले का मामला. मृतक के परिजनों के दावे के इतर ज़िला प्रशासन ने शराब से मौत होने की बात से इनकार किया है. एफ़आईआर दर्ज करने के बाद थानाध्यक्ष को निलंबित करने के साथ सर्किल इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया है. बिहार में साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है.

Deoria: A view of the shelter home from where twenty-four girls were rescued after allegation of sexual exploitation of the inmates came to light, prompting the Uttar Pradesh government to swing into a damage control mode by removing the district magistrate and ordering a high-level probe, in Deoria on Monday, Aug 6, 2018. (PTI Photo) (Story no. DEL23)(PTI8_6_2018_000256B)

क़रीब 40 प्रतिशत बाल गृहों में बच्चों को प्रताड़ना से बचाने की व्यवस्था नहीं: रिपोर्ट

साल 2018 में उत्तर प्रदेश के देवरिया और बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित बाल गृहों में यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद सरकार ने देश के सभी बाल गृहों की सामाजिक ऑडिट करने का आदेश दिया था. ऑडिट किए गए 7,163 बाल गृहों में से 1,504 में अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है, जबकि 434 के शौचालयों और स्नानगृह में निजता की व्यवस्था नहीं है.

बिहार: ‘सरकार रूपया का मदद देहलस लेकिन ओसे बेटी थोड़े न लौट के आई’

मुज़फ़्फ़रपुर और आसपास के क्षेत्रों में अमूमन अगस्त-सितंबर में चमकी बुखार का भीषण प्रकोप देखने को मिलता है, पर इस बार मामले भी कम आए और मौतें भी कम हुईं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि बावजूद इसके बिहार को चमकी बुखार से निपटने के लिए अभी और तैयारी करनी होगी.

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में बंद पड़ी चीनी मिल क्या कभी शुरू हो पाएगी?

ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित मोतीपुर चीनी मिल 1932 स्थापित की गई थी. 1980 में राज्य सरकार ने इसका संचालन अपने हाथ में लिया और वर्ष 1997 में यह बंद हो गई. आज हालात ये हैं कि बिहार में 28 में से सिर्फ 11 चीनी मिलें ही चल रही हैं. ये सभी चीनी मिलें सिर्फ़ छह ज़िलों में स्थित हैं.

‘नेता चुनाव के समय आश्वासन देते हैं कि इस साल पुल बन जाएगा, अब तक तो वो दिन नहीं आया’

ग्राउंड रिपोर्ट: तीन नदियों से घिरे मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के औराई विधानसभा क्षेत्र के कई गांव आज भी आवागमन के लिए ग्रामीणों द्वारा चंदा इकठ्ठा करके बनाए गए बांस-बल्ली के अस्थायी पुलों पर निर्भर हैं. ग्रामीण बताते हैं कि कई बार इस बारे में नेताओं से मिले, पर आज तक उनके आश्वासन का कोई नतीजा नहीं निकला.

बिहार: सियासी चेहरों के बीच चुनावी मैदान में उतरा एक मनरेगा मज़दूर

ग्राउंड रिपोर्ट: मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के रत्नौली गांव के रहने वाले 33 वर्षीय संजय साहनी कुढ़नी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार हैं. सातवीं तक पढ़े संजय लंबे समय तक प्रवासी कामगार के बतौर दिल्ली में रहे हैं और अब मनरेगा के तहत मज़दूरी करते हुए आसपास के गांवों में मनरेगा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जाने जाते हैं.

प्रवासी संकट: बिहार के मुजफ़्फ़रपुर स्टेशन पर पड़ी अपनी मृत मां को जगा रहा बच्चा अब कहां है?

वीडियो: कोरोना वायरस के चलते उपजे प्रवासी संकट के बीच बीते मई महीने में सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें बिहार के मुजफ़्फ़रपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला बेसुध ज़मीन पर पड़ी हैं. उनके ऊपर एक चादर थी, जिसे खींचकर उनका छोटा-सा बच्चा उन्हें उठाने की कोशिश करता नज़र आया था.

बिहारः गर्भवती महिलाओं को प्रसव राशि देने में हुआ फ़र्ज़ीवाड़ा, एफआईआर दर्ज

मुजफ़्फ़रपुर में सरकारी संस्थागत प्रसव प्रोत्साहन योजना के तहत लाभार्थी के रूप में आम महिलाओं का रिकॉर्ड दिखाकर उनके नाम पर पैसों की हेरफेर का मामला सामने आया है. 18 महिलाओं को लाभार्थी दिखाकर पैसे ट्रांसफर हुए लेकिन इनमें से न कोई महिला गर्भवती थी, न ही उन्हें इस बारे में कोई जानकारी थी.

‘नेता लोग हवाई जहाज से बैठ के देखता है, उ लोग को नाव में आके देखना चाहिए कि हम किस हाल में हैं’

ग्राउंड रिपोर्ट: कोरोना वायरस का केंद्र बनकर उभर रहे बिहार के कई इलाके बाढ़ के ख़तरे से भी जूझ रहे हैं. उत्तर बिहार के लगभग सभी ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं और लाखों की आबादी प्रभावित है. लेकिन पानी में डूबे गांव-घरों में जैसे-तैसे गुज़ारा कर रहे लोगों को मदद देना तो दूर, सरकार उनकी सुध ही नहीं ले रही है.

मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन पर हुई महिला की मौत पर पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया

पटना हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन पर दिख रही मृत महिला के बारे में सरकार से जवाब मांगा है. इस बीच खगड़िया ज़िले में गुजरात से कटिहार आ रही ट्रेन में सवार एक महिला और हरियाणा के रेवाड़ी से आ रही एक ट्रेन में एक पुरुष की मौत हो गई है.

बिहार: श्रमिक ट्रेन में महिला की मौत, परिजनों का खाना-पानी न मिलने का आरोप

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म पर महिला का शव पड़ा दिखता है. अहमदाबाद से बिहार आ रही श्रमिक ट्रेन में सवार इस महिला के परिजनों का कहना है कि खाने-पीने को न मिलने के चलते महिला की तबियत ख़राब हुई और ट्रेन में ही मौत हो गई.

Muzaffarpur: Children showing symptoms of Acute Encephalitis Syndrome (AES) being treated at a hospital in Muzaffarpur, Saturday, June 15, 2019. Four more children died Friday in Bihar's Muzaffarpur district reeling under an outbreak of brain fever, taking the toll to 57 this month (PTI Photo)(PTI6_15_2019_000044B)

बिहार: भूख के चलते बच्चे की मौत का आरोप, मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के दो मामले सामने आए

बीते शुक्रवार को आरा कस्बे के जवाहर टोला में रहने वाले राहुल की मौत हो गई थी. उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते वे पिछले कई दिनों से बेरोजगार बैठे हैं.

बिहार बालिका गृह यौन शोषण मामले में ब्रजेश ठाकुर समेत 12 को आजीवन कारावास

साल 2018 में बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के एक बालिका गृह में यौन शोषण का मामला सामने आया था, जिसे ब्रजेश ठाकुर के संगठन द्वारा चलाया जा रहा था. दिल्ली की एक अदालत ने बीते जनवरी में ठाकुर को पॉक्सो क़ानून और आईपीसी की धाराओं के तहत बलात्कार और सामूहिक बलात्कार का दोषी माना था.

मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह यौन शोषण मामले में ब्रजेश ठाकुर सहित 19 दोषी क़रार, एक बरी

साल 2018 में बिहार के मुज़फ़्फ़रपु​र के एक बालिका गृह में यौन शोषण का मामला सामने आया था. यह बालिका गृह मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के संगठन की ओर से चलाया जाता था. मामले के सभी दोषियों को 28 जनवरी को सज़ा सुनाई जाएगी.

Muzaffarpur: Police investigate the site where a rape victim was allegedly buried, at a government shelter home in Muzaffarpur, on Monday, July 23, 2018. A girl of the home has alleged that one of her fellow inmates was beaten to death and buried at the premises of the facility, and several were raped. (PTI Photo)(PTI7_23_2018_000186B)

मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह में बच्चों की हत्या का कोई सबूत नहीं: सीबीआई

बीते छह जनवरी को सीबीआई ने बिहार में 17 आश्रय गृहों की जांच कर इनमें से 13 मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर दिए गए हैं. सीबीआई ने बिहार के 25 डीएम और अन्य सरकारी कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की है. सीबीआई के अनुसार, विभिन्न आश्रय गृहों में बच्चों के यौन शोषण और प्रताड़ना को रोकने में सरकारी अधिकारी असफल रहे हैं.