पुलिस विभाग के आंकड़ों से अलग राजस्व विभाग की ओर से बताया गया है कि फतेहपुर ज़िले में कुल 28 किसानों के ख़िलाफ़ पराली जलाने पर कार्रवाई कर जुर्माना वसूला गया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लेखपालों की तहरीर पर मुकदमे दर्ज किए गए और एक पखवाड़े के भीतर 100 से ज़्यादा किसानों से जुर्माना वसूला जा चुका है.
मामला मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले का है. पुलिस ने बताया कि 55 वर्षीय महिला ने अपनी बेटियों के यौन उत्पीड़न का विरोध किया था, जिसके बाद चार लोगों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा. चारों आरोपियों के ख़िलाफ मामला दर्ज कर लिया है और वे फरार हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच पूरी हो जाने के बाद अदालत फ़ैसला करेगी कि मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किया जाए या नहीं.
बीते आठ अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने टीआरपी से छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. मुंबई के पुलिस आयुक्त ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी सहित कुछ चैनलों ने टीआरपी के साथ हेराफेरी की है. हालांकि रिपब्लिक टीवी ने इन आरोपों से इनकार किया है.
हाल ही में एएमयू प्रशासन ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अस्थायी चिकित्साधिकारी के तौर पर काम कर रहे डॉक्टर मोहम्मद अज़ीमुद्दीन मलिक और डॉक्टर उबैद इम्तियाज़ हक़ की सेवाएं समाप्त कर दी थी. इन्होंने हाथरस बलात्कार मामले में पुलिस के उलट बयान दिया था.
अधिकारियों ने बताया कि दरोगा इंतसार अली को दो बार विभागीय अनुमति लेने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक उन्होंने ऐसा नहीं किया. नियमों की लगातार अनदेखी करने के कारण यह कार्रवाई की गई है. नियमों के अनुसार, सिखों के अलावा अन्य किसी को भी दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है.
महाराष्ट्र सरकार के इस कदम के बाद सीबीआई को अब राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी, जो उसे राज्य सरकार द्वारा 1989 में जारी एक आदेश के तहत दी गई थी. अब अगर सीबीआई किसी मामले की जांच करना चाहेगी, तो उसे राज्य सरकार से सहमति लेनी होगी.
लखनऊ की सत्र अदालत द्वारा ज़मानत याचिका खारिज़ किए जाने के बाद प्रशांत कनौजिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था. प्रशांत को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा एक कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिए 18 अगस्त को दिल्ली में उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार और तीन अन्य युवकों को गिरफ्तार किया था. चारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह और आतंकवाद रोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बीते 17 अक्टूबर को लखनऊ के हज़रतगंज थाने में टीआरपी में कथित हेरफेर की एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिसकी जांच सीबीआई से कराने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से निवेदन किया था.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के डॉ. अज़ीम मलिक ने यूपी पुलिस के दावों को ख़ारिज करते हुए कहा था कि फॉरेंसिक रिपोर्ट के लिए 11 दिन बाद सैंपल लिए जाने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इससे बलात्कार होने की पुष्टि नहीं हो सकती है. घटना के बाद युवती का इलाज इसी अस्पताल में हो रहा था.
वीडियो: निर्भया कांड जैसे वीभत्स हादसे के बाद इसका दोहराव न होने की दुआ सभी ने की थी, लेकिन अब हाथरस कांड हमारे सामने है. क्या ये महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा का अंत है? इस बारे में दामिनी यादव के विचार.
उत्तर प्रदेश की भदोही पुलिस ने बताया कि वाराणसी निवासी गायिका ने आरोप लगाया है कि निषाद पार्टी के विधायक विजय मिश्रा ने साल 2014 में उन्हें अपने यहां एक कार्यक्रम में बुलाया था और उनके साथ बलात्कार किया था. साथ ही घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी.
बीते 15 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के दुर्जनपुर गांव में सरकारी राशन की दुकान के आवंटन के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दो पक्षों में विवाद हो गए था. इस दौरान गोली मारकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने मुख्य आरोपी का बचाव करते हुए कहा था कि गोली आत्मरक्षा में चलाई गई.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के तीन सदस्यों को गिरफ़्तार किया था. इन पर राजद्रोह और यूएपीए के तहत पहले ही मामला दर्ज किया गया है.