विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, गोवध पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध, समान नागरिक संहिता और विस्थापित कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास जैसी मांगों को लेकर उपवास शुरू किया है.
हम भी भारत की 25वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी श्री श्री रविशंकर से उनके द्वारा अयोध्या मुद्दे पर दिए गए हालिया बयान के संदर्भ में सवाल-जवाब कर रही हैं.
गोरखपुर से ग्राउंड रिपोर्ट: लगातार जीत से अति-आत्मविश्वास की शिकार भाजपा के लिए यह उपचुनाव आसान नहीं रह गया है. दोनों उपचुनाव शुरू से ही पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं क्योंकि यहां के प्रतिकूल परिणाम उसे बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं.
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, मथुरा रेलवे स्टेशन को वृंदावन मंदिर, अजमेर शरीफ़ को दरगाह और आगरा को ताजमहल से जोड़ा जाता है तो हमारे इतिहास और परंपरा को बताने में भारतीय रेलवे का बड़ा योगदान होगा.
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि अयोध्या का विकास इस तरह किया जाएगा कि दुनियाभर से आए लोग कह सकें कि ये श्रीराम की जन्मभूमि है.
माकपा पोलित ब्यूरो की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह यात्रा भाजपा और आरएसएस के पक्ष में हिंदू वोट बैंक को मज़बूत करने के लिए आयोजित की गई है.
हम भी भारत की 21वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी बाबरी-राम मंदिर विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद कोर्ट से बाहर समझौते की बात पर चर्चा कर रही हैं.
नए पक्षकार जोड़ने की अपील पर हिंदू-मुस्लिम संगठनों समेत उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मामले से असंबद्ध किसी व्यक्ति को दख़ल की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए.
बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले मुस्लिमों को पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाना चाहिए.
बयान पर भड़के शिया धर्मगुरुओं ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड प्रमुख को सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में गिरफ़्तार कर जेल में डाल देना चाहिए.
आईपीएस अधिकारी सूर्य कुमार शुक्ला ने वायरल वीडियो को शरारतन काट-छांट कर दिखाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह समरसतापूर्ण माहौल बनाने की शपथ ले रहे थे.
गुजरात में अपनी कमज़ोरियों के कारण कांग्रेस भले ही बाज़ी नहीं पलट पायी, लेकिन मतदाताओं ने पिछली बार से डेढ़ दर्जन ज़्यादा सीटें देकर साफ कर दिया है कि वे ‘अपने’ प्रधानमंत्री के ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ के आह्वान को कान नहीं दे रहे.
कांग्रेस ने गुजरात के परिणामों को बताया नैतिक जीत, राहुल ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश की नई सरकारों को बधाई दी.
अगर हिंदुत्ववादी आख्यान का जादू इस देश में चलेगा तो इससे यही प्रमाणित होता है कि भारत की राजनीति में विचारधारा की मौत नहीं हुई है. वह अगर दक्षिणपंथ के रूप में जिंदा है तो उसके वामपंथी या मध्यमार्गी होने की संभावना भी है.
हज़ारों की तादाद में ऐसे नवयुवक तैयार हैं जो अब धर्म के नाम पर जान लेने और देने के लिए तत्पर हैं.