प्रासंगिक: 1969 में हुए पांचवें राष्ट्रपति चुनाव ने इंदिरा गांधी को अबाध नियंत्रण स्थापित करने का मौका दिया, लेकिन इससे कहीं ज़्यादा इस ख़तरनाक विचार को बढ़ावा दिया कि सिर्फ़ एक नेता यह फैसला लेने में सक्षम है कि देश और उसकी जनता के लिए क्या सर्वश्रेष्ठ है.
रामनाथ गोयनका स्मृति व्याख्यान में दिए भाषण में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश में निर्णय लेने की प्रक्रिया में बातचीत और असहमति ज़रूरी हैं.
जंतर मंतर पर अनशन पर करीब महीने भर से अनशन पर बैठे तमिलनाडु के किसानों ने राष्ट्रपति भवन के पास कपड़े उतारकर अपना विरोध ज़ाहिर किया.