रोहिंग्या शरणार्थी

हिरासत में लिए गए रोहिंग्याओं को निर्धारित प्रक्रिया के बिना म्यांमार प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा: सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था.

जम्मू कश्मीर में रह रहे 150 से अधिक रोहिंग्याओं को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू

बीते छह मार्च को जम्मू शहर में सत्यापन अभियान के दौरान क़रीब 168 रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से रहते हुए पाए जाने पर उन्हें कठुआ जिले के एक विशेष केंद्र में भेज दिया गया था. आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और सांबा ज़िलों में रोहिंग्या मुसलमानों एवं बांग्लादेशियों समेत 13,700 से अधिक विदेशी बसे हुए हैं और उनकी जनसंख्या में 2008 से 2015 के बीच छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई.

जम्मू कश्मीर: रोहिंग्या शरणार्थियों की बायोमेट्रिक जानकारी जुटाने का काम शुरू, 168 लोगों को जेल

सरकारी आकंड़ों के मुताबिक, रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा ज़िलों में रह रहे हैं, जहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई. कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों का आरोप है कि देश में उनकी उपस्थिति क्षेत्र की शांति के लिए ख़तरा है.

कोरोना वायरस: केंद्र ने राज्यों को रोहिंग्या शरणार्थियों की जांच कराने को कहा

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि ऐसी सूचना है कि कई रोहिंग्या मुसलमान तबलीगी जमात के ‘इज्तिमास’ और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए थे और उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका है.

‘हम चाहते हैं कि जब तक म्यांमार के हालात सुधर नहीं जाते, तब तक हमें यहां रहने दिया जाए’

अप्रैल 2018 में दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में बसे रोहिंग्या कैंप में आग लग गई थी, जिससे 25 परिवारों के करीब 250 रोहिंग्या शरणार्थी बेघर हो गए थे. इसके बाद उन्हें दूसरी जगह पर बसाया गया, लेकिन भारत में नागरिकता को लेकर चल रही बहस के बीच वे अमानवीय परिस्थितियों में चुपचाप ज़िंदगी गुज़ारने को मजबूर हैं.

कैंप जलने के एक साल बाद दिल्ली में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों का क्या है हाल?

वीडियो: दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में बसे रोहिंग्या मुसलमानों के कैंप में पिछले साल 15 अप्रैल को आग लग गई थी. इस घटना के एक साल बाद भी वे अमानवीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. अभी भी सरकार की ओर से उनके लिए स्थायी तौर पर रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

New Delhi: Delhi Pradesh BJP President Manoj Tiwari at the Delhi BJP executive committee meet at Dr Ambedkar International Centre, in New Delhi, Saturday, Sept 22, 2018. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI9_22_2018_000020B)

दिल्ली से अवैध प्रवासियों को निकालने के लिए एनआरसी जैसे क़दम की ज़रूरत: मनोज तिवारी

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुझे स्थानीय निवासियों ने बताया कि बेटी से छेड़खानी का विरोध करने पर ध्रुव त्यागी की हत्या में अवैध रोहिंग्या या बांग्लादेशी हो सकते हैं.

केंद्र का राज्यों को आदेश, अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की नए सिरे से पहचान करें

भारत सरकार अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में राज्यों से जुटाए गए बायोग्राफिक आंकड़ों को म्यांमार सरकार के साथ साझा करेगी. इसके आधार पर इनकी नागरिकता की पुष्टि की जा सकेगी.

Moreh Border: In this photo provided by Assam Police are seen seven Rohingya immigrants being handed over to Myanmar authorities after completing deportation formalities, at Moreh border post in Manipur, Thursday, Oct 4, 2018. The illegal immigrants were detained in 2012 and since then they were lodged in Cachar Central Jail in Assam's Silchar. (PTI Photo) (PTI10_4_2018_000067B)

भारत ने सात रोहिंग्या प्रवासियों को वापस म्यांमार भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने असम में अवैध रूप से आए सात रोहिंग्याओं को उनके मूल देश म्यांमार भेजने के सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

हरियाणा के नूंह में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में लगी आग, 200 से अधिक लोग बेघर

नूंह के चंदेनी गांव में रविवार दोपहर को एक रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी, जो एक घरेलू सिलिंडर फटने से पूरी बस्ती में फैल गई.

रोहिंग्या बस्ती में आग: मिनटों में उजड़ गईं सैकड़ों ज़िंदगियां

रविवार सुबह दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके के पास बनी रोहिंग्या शरणार्थियों की बस्ती में आग लग गई थी, जिससे यहां सात साल से रह रहे क़रीब 250 रोहिंग्या शरणार्थी बेघर हो गए.

रोहिंग्या शरणार्थियों का म्यांमार लौटना अब भी सुरक्षित नहीं: संयुक्त राष्ट्र अधिकारी

यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक जस्टिन फोर्सिथ का कहना है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत के गांवों में अब भी हमले हो रहे हैं.

बांग्लादेश से रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने की योजना का विरोध

बांग्लादेश सरकार के फैसले का विरोध करते हुए रोहिंग्या शरणार्थियों ने नागरिकता और सुरक्षा की गारंटी की मांग वाले नारे लगाए.

बांग्लादेश में 10 लाख से ज़्यादा रोहिंग्या शरणार्थी, दो साल में म्यांमार वापसी का लक्ष्य

रोहिंग्या मुसलमानों के नए जत्थे के बांग्लादेश में दाख़िल होने के बाद बायोमेट्रिक पंजीकरण शुरू किया गया था. म्यांमार में मुस्लिम अल्पसंख्यक दशकों से अत्याचार का सामना करते रहे हैं.