मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट काफी अच्छी-अच्छी बातें करता है, लेकिन जब एक बड़ी तस्वीर बनाने की कोशिश करते हैं, तो इसमें काफी दरारें दिखाई देती हैं.
नई योजना के तहत ऐसे स्थानों पर उर्दू शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी, जहां की 25 फीसदी से अधिक आबादी उर्दू बोलती है. हालांकि, देश में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई योजना के लिए इस साल बजट आवंटित नहीं किया गया.
जब तक भूमंडलीकरण की आर्थिक नीतियों में कोई निर्णायक परिवर्तन नहीं होता, भारत विश्वशक्ति बन जाए तो भी, सरकार का सारा बोझ ढोने वाले निचले तबके की यह नियति बनी ही रहने वाली है कि वह तलछट में रहकर विश्वपूंजीवाद के रिसाव से जीवनयापन करे.
लोकपाल के लिए आवंटित किए गए बजट को निर्माण और स्थापना संबंधी कार्यों में ख़र्च किया जाएगा.
पहले 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर 25 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट कर लगता था. इसके अलावा दो से पांच करोड़ और पांच करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वालों पर सरचार्ज बढ़ाया गया है.
सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर निर्भरता घटाने के लिए बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों को कई तरह के प्रोत्साहन दिया है. इलेक्ट्रानिक वाहनों की खरीद को लेकर लिए गए कर्ज पर 1.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर आयकर छूट दिया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में 400 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों को अब 25 प्रतिशत की दर से कारपोरेट कर देना होगा.
लाइवः बजट 2019 के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट शुक्रवार को लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत की जनता ने जनादेश के माध्यम से हमारे देश के भविष्य के लिए अपने दो लक्ष्यों 'राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक वृद्धि' पर मुहर लगाई है.
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश करेंगी. इस बार बजट दस्तावेज को ब्रीफकेस में नहीं रखकर लाल रंग की फाइल में रखा गया है.
सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा तीन तलाक विधेयक फिर से पेश किए जाने की संभावना है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल के दौरान भी इस विधेयक का विरोध किया था.
पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के भंग होने के बाद फरवरी, 2019 में तीन तलाक पर लाया गया पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि वह राज्यसभा में लंबित था. अब नया विधेयक सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि जिस तरह से राजनीतिक दल आपस में लड़ रहे हैं, ऐसी स्थिति में निर्वाचन आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती चुनाव आचार संहिता लागू करने की होगी.
संसदीय नियमों के अनुसार राज्यसभा में पेश किये गए विधेयक लंबित होने की स्थिति में लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी नहीं होते हैं. वहीं लोकसभा से पारित विधेयक यदि राज्यसभा में पारित नहीं हो पाते हैं तो वह लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी हो जाते हैं.
कांग्रेस ने महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए उनके द्वारा संसद में रफाल सौदे की ऑडिट रिपोर्ट पेश करने पर ऐतराज़ जताया.