माओवादियों से कथित संबंध के आरोप में गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस दलील के साथ याचिकाएं दायर की थीं कि पुलिस उनके ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाई है.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र सरकार के वकील ने जब मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को और अंतरिम संरक्षण दिए जाने का विरोध किया तो सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि उन्होंने एक साल से ज्यादा समय तक उनसे पूछताछ क्यों नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा को राहत देते हुए महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि जब तक अदालत में सुनवाई जारी है, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाए.
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने के लिए याचिका दायर की है. सीजेआई रंजन गोगोई सहित अब तक कुल चार जज इस मामले की सुनवाई करने से खुद को अलग कर चुके हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने के लिए याचिका दायर की है. अदालत ने कहा कि नवलखा की अपील अब तीन अक्टूबर को किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की जाएगी.
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा उनके ख़िलाफ़ एफआईआर रद्द करने से इनकार करने के फ़ैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
तेलुगू कवि वरवरा राव भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे की यरवदा जेल में न्यायिक हिरासत में रखे गए थे. अब बेंगलुरु पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया है.
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और चार अन्य कार्यकर्ताओं पर माओवादियों से संबंध रखने का आरोप लगाया है.
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट से भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की है.
भीमा कोरेगांव हिंसा से संबंधी मामले में आरोपी तेलुगु कवि वरवरा राव और वकील सुरेंद्र गाडलिंग को 2016 में गढ़चिरौली क्षेत्र की सूरजगढ़ खदानों में नक्सलियों द्वारा की गई आगजनी से जुड़े होने के आरोप में 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
भीमा-कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में बीते 28 अगस्त को माओवादियों से संबंध होने के आरोप में पांच कार्यकर्ताओं- कवि वरवरा राव, अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोंसाल्विस को गिरफ़्तार किया गया था.
वरवर राव पर माओवादियों से संपर्क रखने का आरोप है. पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में बीते 28 अगस्त को पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. वरवर राव उनमें से एक थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राव अब तक हैदराबाद के अपने घर में नज़रबंद थे.
इतिहासकार रोमिला ठाकुर ने पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं- कवि वरवरा राव, अधिवक्ता सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वर्णन गोंसाल्विस को रिहा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाख़िल की थी.
पुणे की एक अदालत ने बीते शुक्रवार को सुधा भारद्वाज, वर्णन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी, जिसके बाद देर शाम वर्णन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा को गिरफ़्तार कर लिया गया था.
पुणे की स्थानीय अदालत द्वारा इन सामाजिक कार्यकर्ताओं की ज़मानत याचिका और बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा नज़रबंदी की अवधि बढ़वाने की याचिका ख़ारिज होने के बाद पुणे पुलिस ने इन दो कार्यकर्ताओं को ठाणे और मुंबई से गिरफ़्तार किया है.