मोदी सरकार ने साढ़े चार सालों में विज्ञापन पर ख़र्च किए 5,000 करोड़ रुपये

मोदी सरकार में विज्ञापन पर खर्च की गई राशि यूपीए सरकार के मुकाबले दोगुनी से भी ज़्यादा है. यूपीए ने अपने दस साल के कार्यकाल में विज्ञापन पर औसतन 504 करोड़ रुपये सालाना खर्च किया था, वहीं मोदी सरकार में हर साल औसतन 1202 करोड़ की राशि खर्च की गई है.

न्यूज़ चैनल अब जनता के नहीं, सरकार के हथियार हैं

2019 का चुनाव जनता के अस्तित्व का चुनाव है. उसे अपने अस्तित्व के लिए लड़ना है. जिस तरह से मीडिया ने इन पांच सालों में जनता को बेदख़ल किया है, उसकी आवाज़ को कुचला है, उसे देखकर कोई भी समझ जाएगा कि 2019 का चुनाव मीडिया से जनता की बेदख़ली का आख़िरी धक्का होगा.

क्या राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार अपने विज्ञापनों में फ़र्ज़ी दावे कर रही है?

विशेष रिपोर्ट: बीते 30 अगस्त को प्रदेश के अख़बारों में प्रकाशित एक विज्ञापन में राजस्थान सरकार ने भरतपुर ज़िले में स्थित एक स्कूल के कायाकल्प से जुड़े कई दावे किए थे, जिनकी ज़मीनी सच्चाई कुछ और है.

क्या सत्ता के सामने भारतीय मीडिया रेंगने लगा है?

संपादकों का काम सत्ता के प्रचार के अनुकूल कंटेट को बनाए रखने का है और हालात ऐसे हैं कि सत्तानुकूल प्रचार की एक होड़ मची हुई है. धीरे-धीरे हालात ये भी हो चले हैं कि विज्ञापन से ज़्यादा तारीफ़ न्यूज़ रिपोर्ट में दिखाई दे जाती है.

एक्सक्लूसिव: एबीपी न्यूज़ से पत्रकारों के इस्तीफ़े के पहले पतंजलि ने चैनल से हटाए थे विज्ञापन

पतंजलि के प्रवक्ता ने एबीपी समाचार चैनल से विज्ञापन हटाने की बात स्वीकारते हुए वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी और मिलिंद खांडेकर के इस्तीफ़े में हाथ होने से इनकार किया.

मोदी सरकार ने 2017-18 में विज्ञापनों पर ख़र्च किए 1313 करोड़ रुपये

सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्यसभा में बताया कि 2014 से अब तक मोदी सरकार विज्ञापनों पर कुल 4880 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च कर चुकी है.

अखबारों के प्रसार संबंधी दावों की जांच करा रही है सरकार: राज्यवर्धन सिंह राठौड़

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि अखबारों को इनकी प्रसारण संख्या के दावों की पुष्टि के बाद ही विज्ञापन दिए जाते हैं. उनके प्रसारण दावों की भारतीय समाचार पत्र पंजीयक से जांच कराई है.

अमिताभ बच्चन और उनकी बेटी के विज्ञापन की बैंक कर्मचारियों ने की आलोचना

आॅल इंडिया बैंक आॅफिसर्स कनफेडरेशन ने आभूषण कंपनी कल्याण ज्वेलर्स के ख़िलाफ़ मुक़दमा करने की चेतावनी दी. कर्मचारियों ने कहा है कि विज्ञापन में लाखों बैंक कर्मचारियों की गलत तस्वीर पेश की गई है जो निंदनीय है.

पत्रकारिता को स्टिंग ऑपरेशन से ज़्यादा ख़तरा ज़हर फैला रहे मीडिया से है

मीडिया मालिक अख़बारों और न्यूज़ चैनलों को सुधारने के लिए कुछ करें या न करें, लेकिन यह तो तय है कि जब तक हर रोज़, हर न्यूज़रूम में प्रतिरोध की आवाज़ें मौजूद रहेंगी, तब तक भारतीय पत्रकारिता बनी रहेगी.

मोदी सरकार ने अब तक विज्ञापनों पर ख़र्च किए 4,343 करोड़ रुपये

एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन ने बताया कि 2014 से अब तक नरेंद्र मोदी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापनों पर सर्वाधिक 2,079.87 करोड़ रुपये ख़र्चे हैं.

पर्यटन मंत्रालय को संसदीय समिति का सुझाव, विज्ञापन पर कम ख़र्च करें

संसदीय समिति ने मंत्रालय से कहा कि विज्ञापन की अपेक्षा आधारभूत ढांचे पर अधिक ख़र्च करें. ऐसा न हो कि विज्ञापन के ज़रिये ऊंची उम्मीदें जता दी जाएं और अनुभव वैसा न हो.

डाबर, उबर, हिंदुस्तान यूनीलिवर आदि भ्रामक विज्ञापन के दोषी पाए गए

दोषी पाए गए मामलों में 82 स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियां, 75 शिक्षा क्षेत्र की, 11 व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद क्षेत्र की, आठ खाद्य एवं पेय पदार्थ तथा 24 मामले अन्य क्षेत्रों की कंपनियां शामिल हैं.

2016-17 में मोदी सरकार ने प्रिंट विज्ञापनों पर 468.53 करोड़ रुपये ख़र्च किए

राज्यसभा में सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार ने 2016-17 टेलीविजन चैनलों पर जारी विज्ञापनों पर 315.04 करोड़ रुपये ख़र्च किए.