देश के 24 राज्यों के 529 ज़िलों में कुल मिलाकर 14.13 करोड़ राशन कार्ड हैं, जिसमें से अब तक में 8.49 करोड़ राशन कार्ड पर ही अनाज दिया गया है. इसका मतलब है कि अब भी 5.64 करोड़ राशन कार्ड पर अतिरिक्त राशन मिलना बाकी है.
इससे पहले 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 90 बेसिक पॉइंट यानी कि 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 4.0 फीसदी कर दिया था.
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि हमें कम से कम इतना करने की जरूरत है ताकि लोगों को ये विश्वास हो कि समाज उनकी चिंता करता है और उनकी न्यूनतम देखभाल सुनिश्चित है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन 15 राज्यों के 270 ज़िलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने 5.70 करोड़ राशन कार्ड में 1.43 करोड़ राशन कार्ड पर ही इस महीने अब तक अतिरिक्त राशन मिला है. मतलब अब भी 75 फीसदी राशन कार्ड धारकों को इसका लाभ नहीं मिला है.
मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का है. 52 वर्षीय किसान रामभवन शुक्ला दो दिन से फसल काटने के लिए गांव में मजदूर ढूंढ रहे थे, मगर लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे थे.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं ने चेताया है कि खेती-किसानी से जुड़ी समस्याओं को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो बीमारी से ज़्यादा भुखमरी से मौतें होंगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कोरोना राहत पैकेज की घोषणा करते हुए मनरेगा मज़दूरी में वृद्धि की बात कही. हालांकि यह एक रूटीन वार्षिक कवायद थी, जिसे पहले ही ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था.
सरकार द्वारा ग़रीबों की मदद के नाम पर स्वास्थ्य संबंधी मामूली घोषणाएं की गई हैं. हमें नहीं पता अगर कोई ग़रीब कोरोना से संक्रमित हुआ तो उसे उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी. अगर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई तो बेड और वेंटिलिटर जैसी सुविधाएं मिलेंगी?
पिछले छह महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई पहली गिरावट है. इससे पहले 20 सितंबर, 2019 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनरेगा मज़दूरों की रोज़ाना मज़दूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 182 से बढ़ाकर औसतन 202 रुपये करने की मांग की. लेकिन 23 मार्च को ग्राणीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अधिकतर राज्यों की मज़दूरी पहले ही 202 रुपये से काफी ज़्यादा कर दी गई है.
25 मार्च को केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अब पीडीएस धारकों को 2 किलो अतिरिक्त अनाज मिलेगा, जिससे देश के 81 करोड़ लाभार्थी अगले तीन महीने तक लाभांवित होंगे. 26 मार्च के वित्त मंत्री के ऐलान में लाभार्थियों की संख्या 80 करोड़ है. एक करोड़ का हिसाब क्या सरकार के बोलने-लिखने में गायब हो गया?
इसके अलावा रिवर्स रेपो दर को में 90 बेसिक प्वाइंट यानी कि 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए इसे घटाकर चार फीसदी कर दिया गया है. पहले ये 4.90 फीसदी पर थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित राहत पैकेज में उन योजनाओं की भी राशि शामिल है जो पहले से ही चली आ रही हैं और तय समय पर उन्हें जारी किया जाना था.
अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस समूह की कंपनियों ने यस बैंक से लगभग 12,800 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो एनपीए में तब्दील हो गया है.
जीएसटी परिषद की बैठक में साझा किए गए अप्रैल-फरवरी के आंकड़ों के अनुसार, संरक्षित राजस्व और राज्यों को होने वाले राजस्व के बीच राजस्व अंतर औसतन 14 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया है. इस वर्ष क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में 80 हजार करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं, लेकिन राज्यों को 1.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.