कांग्रेस की मौत की कामना करना कितना उचित है?

पिछले पांच साल से देश को कांग्रेसमुक्त करने का आह्वान भाजपा नेताओं के द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन न सिर्फ यह कि वह अप्रासंगिक नहीं हुई, बल्कि इस चुनाव में भी भाजपा के लिए वही संदर्भ बिंदु बनी रही. जनतंत्र की सबसे अधिक दुहाई देनेवाले समाजवादियों को जनसंघ या भाजपा के साथ कभी वैचारिक या नैतिक संकट हुआ हो, इसका प्रमाण नहीं मिलता.

प्रज्ञा ठाकुर के माध्यम से भाजपा किसकी आकांक्षा का प्रतिनिधित्व कर रही है

क्या वाकई देश का हिंदू अब इस अवस्था को प्राप्त कर चुका है जहां उसके इंसानी और नागरिक बोध का प्रतिनिधित्व प्रज्ञा ठाकुर जैसों के रूप में होगा?

मालेगांव धमाके में एटीएस के पास प्रज्ञा के ख़िलाफ़ सबूत थे, टिकट दिया जाना गलत: रामदास अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि लोगों को बचाने के लिए आतंकियों से लड़ते हुए करकरे शहीद हो गए थे. मैं करकरे को लेकर साध्वी के बयान से सहमत नहीं हूं. हम इसकी आलोचना करते हैं. यह फैसला करना अदालत का काम है कि क्या सही है और क्या गलत. अगर हमारी पार्टी की बात होती तो हम उन्हें नहीं खड़ा करते.

दूरदर्शन ने सीपीआई के चुनावी भाषण से ‘आरएसएस’ शब्द हटाने को कहा, पार्टी ने किया इनकार

सीपीआई की ओर से कहा गया है कि दूरदर्शन ने भाषण से ‘आरएसएस’ एवं ‘फासीवादी विचारधारा’ जैसे शब्दों को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए हटाने के लिए कहा है. पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर ऐसी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई हो रही है.

लोकतंत्र और संविधान से संघ-भाजपा का प्रयोग

लोकसभा चुनावों के बाद अगर मोदी सरकार वापस सत्ता में नहीं भी आती है तो भी राजनीति के मानदंड इतने बिगड़ चुके हैं कि समाज में स्थिरता और शांति आने में लंबा वक़्त लग सकता है.

एएमयू को लेकर विवाद ज़रूर नया है पर षड्यंत्र वही पुराना है

इस समय इरादा मुसलमानों से जुड़ी हर जगह को संदिग्ध बनाने का है. उसका तरीक़ा है उन्हें विवादित बनाना. एक बार कुछ भी विवादित हो जाए तो उसमें दूसरा पक्ष जायज़ हो जाता है, जैसे बाबरी मस्जिद को विवादित बनाकर अब संघ के संगठन एक जायज़ पक्षकार बन बैठे हैं.

अपूर्वानंद की मास्टरक्लास: बाबरी मस्जिद की जगह मंदिर राजनीतिक पाप है

आज की मास्टरक्लास में अपूर्वानंद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ बाबरी मस्जिद और इसके विवादित स्थल पर मंदिर बनाए जाने के बारे में चर्चा कर रहे हैं.

राम मंदिर के लिए हिंदुओं को गोली खाने के लिए तैयार रहना चाहिए: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती

शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने तीन दिवसीय 'परम धर्म संसद' में राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के लिए 21 फरवरी की तारीख की घोषणा करते हुए कहा कि अंकोरवाट मंदिर की तरह अयोध्या में एक भव्य मंदिर बनेगा और बाद में उसे वेटिकन सिटी की तरह दर्जा दिया जाएगा.

फेसबुक पोस्ट को लेकर मलयालम फिल्म निर्देशक पर हमला, भाजपा-संघ कार्यकर्ताओं पर लगाया आरोप

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता मलयाली निर्देशक प्रियनंदन ने फेसबुक पर केरल स्थित सबरीमला मंदिर को लेकर एक फेसबुक पोस्ट लिखी थी. विवाद के बाद उन्होंने यह पोस्ट हटा दिया था.

युद्ध नहीं हो रहे, तो जवान शहीद क्यों हो रहे हैं: मोहन भागवत

आरटीआई के जरिए गृह मंत्रालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि मई, 2014 से मई, 2017 तक में सिर्फ जम्मू कश्मीर में 812 आतंकी घटनाएं हुईं. इन घटनाओं में 62 नागरिक मारे गए, जबकि 183 जवान शहीद हो गए.

क्या संघ नरेंद्र मोदी के बाद नितिन गडकरी पर दांव लगाने की सोच रहा है?

मोदी और शाह की जोड़ी आसानी से मंच छोड़ने वाली नहीं है. भाजपा के भीतर और मतदताओं के बीच नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी भी बरक़रार है. नितिन गडकरी क्या कोई भी नेता लोकप्रियता या भाषण कला के मामले में उनके बराबर नहीं है. यह जोड़ी सुनिश्चित करेगी कि गडकरी अपनी हद में ही रहें, साथ ही उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की हर मुमकिन कोशिश करेगी.

2019 का चुनाव सिर्फ कांग्रेस ही नहीं संघ और भाजपा के बचे-खुचे नेताओं का भी अस्तित्व तय करेगा

संघ के लिए केंद्र में सत्ता मंज़िल की सीढ़ी है, अपने आप में मंज़िल नहीं. उसने भाजपा को दो से अस्सी सीट पर पहुंचाने वाले, राम मंदिर मुद्दे के पुरोधा लालकृष्ण आडवाणी को किनारे कर मोदी के लिए हामी भरने में कोई देरी नहीं की. वो कभी ऐसे किसी भी नेता को मंज़ूर नहीं करेगा जो उसकी विचारधारा और ताक़त से ज़्यादा कद्दावर दिखने लगे.

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