अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: दिन पर सवाल उठाता समाज साल पर कितने सवाल उठाएगा

वीडियो: हाल ही में आई किताब ‘द एंगर ऑफ सेंटली मैन’ गुड़गांव में रह रहे एक परिवार के माध्यम से भारतीय पुरुषत्व की पड़ताल करती है. किताब की लेखिका अनुभा यादव से दामिनी यादव की बातचीत.

आज गणमान्यों के सामने घुटनों पर झुके बच्चे क्या कल एक नागरिक के तौर पर खड़े हो पाएंगे

मणिपुर के मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में घुटनों पर झुके स्कूली बच्चों को देखकर विचार आता है कि आज वरिष्ठों के सामने सजदे में खड़े होने के लिए मजबूर करने वाला वातावरण उन्हें सवाल करने के लिए तैयार करेगा या सब चीज़ें चुपचाप स्वीकार करने के लिए?

नियमगिरि पर्व लोगों के प्रतिरोध का उत्सव है…

नियमगिरि में धरणी पेनु सबसे बड़ी शक्ति हैं, जो धरती का स्वरूप कही जाती हैं. लोगों का विश्वास है कि धरती की पूजा सबसे पहले होनी चाहिए. बीते दिनों इनकी उपासना करते हुए नियमगिरि पर्व मनाकर लोगों ने अपनी एकता को मजबूत करने का संकल्प लिया.

रेप के आरोपी से शादी के बयान पर नारीवादियों व महिला समूहों ने सीजेआई का इस्तीफ़ा मांगा

चार हज़ार से अधिक महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, प्रगतिशील समूहों और नागरिकों ने सीजेआई एसए बोबडे से पद छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि उनके शब्द अदालत की गरिमा पर दाग़ लगा रहे हैं और उस चुप्पी को बढ़ावा दे रहे हैं जिसे तोड़ने के लिए महिलाओं ने कई दशकों तक संघर्ष किया है.

सीजेआई ने नाबालिग से रेप के आरोपी से पूछा- पीड़िता से शादी करोगे, दी गिरफ़्तारी से राहत

एक नाबालिग लड़की से कई बार बलात्कार करने के आरोपी महाराष्ट्र के एक सरकारी कर्मचारी ने हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत रद्द होने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी थी. सुनवाई के दौरान सीजेआई बोबडे ने उससे पूछा कि क्या वह पीड़िता से शादी करना चाहता है, जिस पर उसके वकील ने बताया कि वह विवाहित है.

‘भरोसा किया था हमने अवाम औ’ ज़िंदगी पर और उन्होंने मायूस न किया हमें’

'इत्मीनान' शीर्षक की यह कविता ग्वाटेमाला के क्रांतिकारी कवि ओतो रेने कास्तियो ने लिखी थी, जिन्हें ग्वाटेमाला की फौज ने 19 मार्च 1967 को जान से मार दिया था.

मीडिया बोल: चुटकुला बनती सियासत और मीडिया

वीडियो: मौजूदा दौर में राजनीति और मीडिया के बड़े मंच ऐसे दयनीय हाल में हैं कि ख़ुद ही चुटकुला बन गए हैं. दूसरी तरफ गंभीर पत्रकारों या कॉमेडियंस की टिप्पणियों से कभी सरकार, तो कभी न्यायपालिका को आहत हो रहे हैं. इन्हीं मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन और टीवी एंकर मीनाक्षी श्योराण से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.

असहमति का अधिकार लोकतंत्र की विशेषता, सरकार की आलोचना होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यदि कोई पार्टी सत्ता में आ जाती है तो वो आलोचनाओं से परे नहीं रह सकती है. असहमति का अधिकार ऐसी आलोचनाओं की इजाज़त देता है.

पहली प्रवासी नीति: मज़दूरों के लिए वोट का अधिकार और माइग्रेशन विंग बनाने का प्रस्ताव

कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रवासी मज़दूरों के सामने खड़ी हुईं समस्याओं को दूर करने के लिए श्रम मंत्रालय नीति आयोग की अगुवाई में एक नीति तैयार कर रही है. मसौदा नीति में कहा गया है कि प्रवासी मज़दूरों का राजनीतिक समावेश किया जाना चाहिए, ताकि राजनीतिक नेतृत्व को उनके लिए जवाबदेह ठहराया जा सके.

स्वर पर पहरे लगाकर किस सरस्वती की आराधना की जानी चाहिए…

निराला ने वीणावादिनी से 'नव गति, नव लय, ताल-छंद नव, नवल कंठ' मांगे थे, लेकिन आज जिन पैरों में नई गति है, उन्हें बेड़ियों से बांध दिया गया है. कंठ पर ताला है और नएपन की जगह कारागार है. जब मेरा स्वर नहीं तो क्या मैं सरकारी कंठ से प्रार्थना करूं? क्या यह देवी का अपमान नहीं?

प्यार के नाम पर हाथों में पत्थर नहीं, फूल थामो

वीडियो: हवाओं में नफ़रत इतनी घुल गई है कि ज़बानों पर ही नहीं सोच तक में ज़हर उतर आया है और हम दुनिया को मोहब्बत का पाठ पढ़ाने का दावा करने वाले ख़ुद मोहब्बत के सबक भूलते जा रहे हैं. आज प्यार के नाम पर हमारे हाथों में फूल नहीं होते, बल्कि पत्थर होते हैं, जो किसी के सिर का ज़ख़्म बनने को बेताब रहते हैं.

डीएन झा: वो इतिहासकार, जिसने तथ्यों-तर्कों के आधार पर इतिहास से जुड़े मिथकों को तोड़ा

डीएन झा ने राष्ट्रवादी इतिहासकारों द्वारा हिंदू संस्कृति को भारतीय संस्कृति का पर्याय बताने, सामाजिक विषमताओं की अनदेखी की आलोचना की थी. वे कहते थे कि ऐसे लोगों ने राष्ट्रीय आंदोलन को वैचारिक औज़ार तो दिया, लेकिन भारतीय इतिहास संबंधी उनका लेखन ब्रिटिश इतिहासकारों से कम समस्याग्रस्त नहीं था.

सत्ता में आए तो सबरीमला पर बनेगा क़ानून, अनधिकृत प्रवेश पर रोक सुनिश्चित करेंगे: केरल कांग्रेस

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने केरल के प्राचीन सबरीमला मंदिर में 10 से 50 वर्ष के आयु समूह की महिलाओं के प्रवेश न करने की परंपरा के ख़िलाफ़ उन्हें प्रवेश की अनुमति दी थी. प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि अगर वे सत्ता में आए तो मंदिर की परंपरा की रक्षा के लिए क़ानून बनेगा और इसके उल्लंघन पर दो साल की सज़ा होगी.

सावित्रीबाई फुले, मंटो और कैफ़ी आज़मी, तीन आवाज़ों की सदा एक-सी

वीडियो: महिलाओं के लिए शिक्षा की लौ जलाने वाली सावित्रीबाई फुले, अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो और शायर कैफ़ी आज़मी पर दामिनी यादव का नज़रिया.

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