नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में बीते साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा होने के आरोप में महिला संगठन पिंजड़ा तोड़ की नताशा नरवाल और देवांगना कलीता की गिरफ़्तारी के एक साल पूरे हो चुके हैं. इसे लेकर हुए कार्यक्रम में कहा गया कि यह उन आवाज़ों को दबाने का तरीका है, जो सरकार को पसंद नहीं है.
दिल्ली दंगों से संबंधित मामले में गिरफ़्तार किए गए 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट' के ख़ालिद सैफ़ी का जेल से अपने परिवार को भेजा गया ख़त.
पिछले साल दिल्ली दंगे के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ पुलिसवाले पांच मुस्लिम युवकों को पीटते हुए उनसे राष्ट्रगान गवा रहे थे. बाद में इसमें से एक शख़्स 23 वर्षीय फ़ैज़ान की मौत हो गई थी. फ़ैज़ान की मां ने पुलिसकर्मियों पर हिरासत में हत्या करने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है.
महमूद प्राचा दिल्ली दंगों से जुड़े कई मामलों में वकील हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने मंगलवार से पहले दिसंबर 2020 में भी प्राचा के दफ़्तर पर छापेमारी की थी. इस दौरान सर्च टीम ने उनके कंप्यूटर और विभिन्न दस्तावेज़ों को जब्त करने पर जोर दिया, जिनमें केस की विस्तृत जानकारी थी.
वीडियो: उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर इलाके में पिछले साल हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान तमाम दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया था. दुकानदारों का दावा है कि उन्होंने जितनी क्षतिपूर्ति का दावा किया था, उससे काफ़ी कम मुआवज़ा उन्हें प्रदान किया गया.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों का साल भर बीतने के बाद आज भी पीड़ित इंसाफ के इंतज़ार में हैं और सरकार कार्यकर्ताओं को अपराधी ठहराने के अपने अभियान में लगी हुई है.
सामूहिक हिंसा एक तरह की नहीं होती. दो समूह लड़ पड़ें, तो वह सामूहिक हिंसा है. एक समूह को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा भी सामूहिक हिंसा ही है. ऐसी हिंसा को भारत में प्रायः दंगा कह देते हैं. दंगा शब्द में कुछ स्वतः स्फूर्तता का भाव आता है, लेकिन यह सच नहीं है.
दिल्ली दंगों में एक युवक की हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों को ज़मानत देते हुए कहा कि यह विश्वास करना कठिन है कि सांप्रदायिक दंगे का इस्तेमाल अपने ही समुदाय के व्यक्ति की मौत के लिए किया जा सकता है. यदि वे वास्तव में दंगे में शामिल होते तो दूसरे समुदाय के सदस्यों को बचाने की कोशिश नहीं करते.
कर्नाटक की विभिन्न अदालतों का यह फ़ैसला राज्य की भाजपा सरकार के 31 अगस्त 2020 के आदेश पर आधारित है. सरकार के क़दम से मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा, हिंदुत्ववादी संगठनों के 206 सदस्यों और 106 मुस्लिमों को राहत मिली है.
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद आरोप लगाया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में उनके ख़िलाफ़ विद्वेषपूर्ण मीडिया अभियान चलाया गया. याचिका में दावा किया गया है कि मीडिया रिपोर्टों में उनके एक कथित बयान से यह बताने की कोशिश की जा रही है कि उन्होंने दंगों में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है. यह निष्पक्ष सुनवाई के उनके अधिकार के प्रति पूर्वाग्रह है.
बीते साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा के दौरान गोकुलपुरी और दयालपुर इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ के मामलों के तीन आरोपियों को ज़मानत देते हुए स्थानीय अदालत ने कहा कि उनके नाम न प्राथमिकी में है, न ही उनके ख़िलाफ़ कोई विशिष्ट आरोप हैं.
आरोपियों को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा की गई शिनाख़्त का बमुश्किल कोई अर्थ है, क्योंकि भले ही वे घटना के वक़्त क्षेत्र में तैनात थे, पर उन्होंने आरोपियों का नाम लेने के लिए अप्रैल तक का इंतज़ार किया, जबकि उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उन्होंने आरोपियों को 25 फरवरी, 2020 को दंगे में कथित रूप से शामिल देखा था.
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान जाफ़राबाद में फलों के गोदाम में लूट और आगजनी के मामले में तीन आरोपियों को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि जांच और चार्जशीट दाखिल करने में असावधानी बरती गई.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने दिल्ली दंगों के आरोपियों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा के ऑफिस पर छापेमारी की थी. सर्च टीम ने प्राचा के कंप्यूटर और विभिन्न दस्तावेज़ों को ज़ब्त किए थे, जिनमें केस की विस्तृत जानकारी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगे के दौरान 23 साल के फ़ैज़ान की मौत के मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग से संबंधित याचिका पर दिल्ली सरकार और क्राइम ब्रांच को नोटिस जारी किया है. दंगों के दौरान एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी ज़मीन पर फ़ैज़ान समेत कुछ घायल युवकों से राष्ट्रगान गाने को कहते दिख रहे थे. फ़ैज़ान की अस्पताल में मौत हो गई थी.