उम्मीदवारों को रक़म की अदायगी डिजिटल में या चेक की शक़्ल में अदा करने की इजाज़त नहीं है. अब तक 15 लोगों ने नामांकन दाख़िल किया, जिनमें से सात को अयोग्य ठहरा दिया गया.
आंकड़े बताते हैं कि देश में मुसलमानों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत तेज़ी से गिरता जा रहा है, जिसका मतलब होगा कि वह पूरी तरह से हाशिये पर चले जाएंगे.