मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित नादिया मुराद ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं. यहां तक कि कई महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच भी बाधित हो गई है.
एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में माओवादियों से संबंध के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को रांची से गिरफ़्तार किया था. स्वामी ने ज़ब्त किए गए अपने स्ट्रॉ और सिपर को लौटाने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. पार्किंसन बीमारी की वजह से उनके हाथ हिलने से उन्हें खाने और पीने में दिक्कत होती है.
केंद्र सरकार द्वारा स्टेन स्वामी सहित देश के 16 सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करना आंदोलनरत जनसंगठनों और उनसे जुड़े नेताओं को भयभीत कर इन आंदोलनों को कमज़ोर करने की कोशिश है.
एल्गार परिषद मामले में दायर तीसरी चार्जशीट में एनआईए ने कहा है कि आरोपियों ने 'जंगलों में जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग' ली थी. अपने आरोपपत्र में एनआईए ने पुणे पुलिस द्वारा 'प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश रचने' के दावे को तवज्जो नहीं दी है.
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए नागरिकता संशोधन क़ानून के एक बड़ा चुनावी मुद्दा होने की ओर इशारा करते हुए सिलीगुड़ी में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी इस कानून को लागू करने लिए प्रतिबद्ध है.
एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को रांची से गिरफ़्तार किया था. एनआईए ने उनकी याचिका के जवाब में कहा है कि वे कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति की आड़ में ज़मानत मांगकर स्थिति का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.
हमारे देश और राज्य को सुरक्षित रखने के नाम पर अगर स्टेन स्वामी को क़ैद में डाला जा सकता है तो क्या हम ख़ुद को आज़ाद कहलाने के क़ाबिल रह गए हैं?
एनआईए ने भीमा-कोरेगांव मामले में 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को झारखंड के रांची स्थित उनके घर से गिरफ़्तार किया था. उन पर भाकपा (माओवादी) के साथ संबंध होने का आरोप लगाया गया है.
83 साल के सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी देश के सबसे उम्रदराज शख़्स हैं, जिन पर आतंकवाद से संबंधित आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. वह जून 2018 के बाद से इस मामले में गिरफ़्तार किए गए 16वें शख्स हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एल्गार परिषद मामले में पूछताछ के लिए हैदराबाद की ईएफएलयू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के सत्यनारायण और द हिंदू के पत्रकार केवी कुरमानाथ को तलब किया है. ये दोनों कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव के दामाद हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कोलकाता के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के एक प्रोफेसर को नोटिस भेजकर उनके कथित तौर पर एल्गार परिषद से जुड़े होने को लेकर 10 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. प्रोफेसर का कहना है कि एनआईए का नोटिस प्रताड़ित करने वाला है.
कोलकाता के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में पढ़ाने वाले प्रोफेसर पार्थसारथी रे जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वे उन नौ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में से हैं, जिन्हें बीते साल कथित तौर पर निगरानी रखने के लिए एक 'स्पाईवेयर हमले' का निशाना बनाया गया था.
सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख़ कर ज़मानत का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हैं. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की वजह से जेल में उनके कोरोना संक्रमित होने का जोख़िम है, क्योंकि जेल में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आ चुका है.
सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी से भीमा-कोरेगांव मामले में पहले भी पूछताछ की जा चुकी है. दिसंबर 2019 में मामले की जांच के संबंध में रांची स्थित उनके घर पर छापा मारकर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और इंटरनेट मॉडेम ज़ब्त किया गया था.
बिहार के अररिया में एक गैंगरेप पीड़िता सहित दो सामाजिक कार्यकर्ताओं को अदालत की अवमानना के आरोप में 10 जुलाई को हिरासत में लिया गया था. पीड़िता को 18 जुलाई को ज़मानत मिल गई थी, जबकि दोनों कार्यकर्ता समस्तीपुर ज़िले की एक जेल में बंद थे.