अटॉर्नी जनरल ने नहीं दी जगन रेड्डी के ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की इजाज़त, कहा- पत्र अवज्ञाकारी

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि पत्र की टाइमिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये इसे सार्वजनिक करना बिल्कुल संदिग्ध कहा जा सकता है. पर ये पत्र सीजेआई बोबडे को लिखा गया था और वे इन आरोपों से वाक़िफ हैं, इसलिए अटॉर्नी जनरल द्वारा अवमानना कार्यवाही की इजाज़त देना उचित नहीं होगा.

आंध्र प्रदेश: भाजपा नेता ने कहा- मुख्यमंत्री पर अवमानना कार्यवाही शुरू करें अटॉर्नी जनरल

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने पिछले दिनों देश के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ जस्टिस एनवी रमन्ना उनकी सरकार गिराने की साज़िश कर रहे हैं और राज्य के हाईकोर्ट की पीठों को प्रभावित कर रहे हैं.

आंध्र प्रदेश सीएम के आरोपों के बाद जस्टिस रमन्ना ने कहा, जजों में दबाव झेलने की खूबी होनी चाहिए

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज एनवी रमन्ना उनकी सरकार को गिराने की साज़िश कर रहे हैं.

आंध्र प्रदेश: वाईएसआर कांग्रेस नेताओं की जजों पर टिप्पणी पर कोर्ट ने दिए सीबीआई जांच के आदेश

वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर न्यायपालिका पर की गईं टिप्पणियों की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि अप्रैल से ही उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा जजों के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं. यह दर्शाता है कि न्यायपालिका के ख़िलाफ़ जंग छेड़ दी गई है.

आंध्र प्रदेश: मुख्यमंत्री ने सीजेआई को लिखा- सरकार गिराने की साज़िश कर रहे हैं सुप्रीम कोर्ट जज

मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने सीजेआई एसए बोबड़े को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना पर भ्रष्टाचार और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू की ओर से उनकी सरकार गिराने की साज़िश रचने के आरोप लगाए हैं. जगन का यह भी आरोप है कि जस्टिस रमन्ना राज्य की न्यायपालिका को प्रभावित कर रहे हैं.

लोकतंत्र बचा सकने वाली अकेली संस्था ही इसका गला घोंटने में मदद कर रही है

भारत में अक्सर न्यायिक आज़ादी के रास्ते में कार्यपालिका और कभी-कभी विधायिका द्वारा बाधा डालने की संभावनाएं देखी जाती हैं, लेकिन जब न्यायपालिका के भीतर के लोग ही अन्य शाखाओं के सामने झुक जाते हैं, तो स्थिति बिल्कुल अलग हो जाती है.

न्याय प्रणाली अमीरों और शक्तिशाली लोगों द्वारा बंधक बना ली गई है: सुप्रीम कोर्ट बार अध्यक्ष

वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने एक कार्यक्रम में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट के जज किसी राजनेता की प्रशंसा करते हैं तो वे अधीनस्थ अदालतों को क्या संदेश देते हैं? इसका केवल यही संदेह होता है, मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मामले तय न करें. कार्यपालिका के पक्ष में जाने के लिए जज क़ानून के परे जा चुके हैं.

जस्टिस अरुण मिश्रा के न्यायिक परंपराओं की अनदेखी की वजह उनका रूढ़िवादी नज़रिया है

जस्टिस अरुण मिश्रा द्वारा प्रार्थनास्थलों पर सरकार की नीति, अश्लीलता और लैंगिक न्याय को लेकर दिए गए फ़ैसले क़ानूनी पहलुओं से ज़्यादा उनके निजी मूल्यों पर आधारित नज़र आते हैं.

जस्टिस अरुण मिश्रा के सुप्रीम कोर्ट के सबसे प्रभावशाली जज बनने की कहानी

भारत के राजनीतिक तौर पर सर्वाधिक संवेदनशील मामलों को अनिवार्य रूप से जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ को ही भेजा जाता था और देश के सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम जज इसकी वजह जानने के लिए इतिहास में पहली बार मीडिया के सामने आए थे.

सुप्रीम कोर्ट इस स्तर पर आ गया है कि जज बार से भयभीत होने लगे हैं: बार एसोसिएशन अध्यक्ष

बुधवार को रिटायर हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा को उनके सहयोगियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विदाई दी गई. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने इस आयोजन में उन्हें बोलने का मौक़ा न दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है.

राज्यों का महामारी का हवाला देकर केवल धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाना अजीब है: सुप्रीम कोर्ट

पर्यूषण पर्व के लिए मुंबई के दादर, बायकुला और चेंबूर में जैन मंदिरों को खोलने की इजाज़त देते हुए सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि हमें यह अजीब लगता है कि राज्य आर्थिक हितों से जुड़ी गतिविधियों की अनुमति देने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर इसमें धर्म शामिल है तो वे कोविड-19 का हवाला देते हैं.

कोरोना के चलते वकीलों पर आए आर्थिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, केंद्र को नोटिस

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि क़ानूनी बिरादरी के लोग नियमों से बंधे हुए हैं कि वे क़ानून की प्रैक्टिस से जुड़े कार्य ही कर सकते हैं और उन्हें किसी अन्य माध्यम से आजीविका कमाने का विकल्प प्राप्त नहीं हैं.

दिल्ली दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा- देरी अनुचित, 6 मार्च को करें सुनवाई

बीते 27 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा नेताओं व अन्य के नफरती भाषणों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की याचिका पर सुनवाई को 13 अप्रैल तक स्थगित कर दिया था.

दंगों को नहीं रोक सकते, हम ऐसा दबाव नहीं झेल सकते: सुप्रीम कोर्ट

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को कथित तौर पर भड़काने वाले नफरती भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग को ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मामले को सुनने की बात कही.

बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रधानमंत्री मोदी की सोच दूरदर्शी है: जस्टिस अरुण मिश्रा

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अरुण मिश्रा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसनीय दूरद्रष्टा और बहुमुखी प्रतिभा वाला ऐसा नेता बताया जिनकी सोच वैश्विक स्तर की है, लेकिन स्थानीय हितों को अनदेखा नहीं करते.