सीजेआई यौन उत्पीड़न मामला: 250 से अधिक महिलाओं ने की आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर 250 से अधिक महिला वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि ने पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट ने सीधे-सीधे विशाखा गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया है.

सीजेआई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की कथित साज़िश पर दिल्ली पुलिस, सीबीआई और आईबी प्रमुख तलब

सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी के यौन उत्पीड़न के आरोपों को वकील उत्सव बैंस ने साज़िश कहा था. जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने इस सिलसिले में इन तीनों संस्थाओं के प्रमुखों को बुलाया है.

सीजेआई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच जस्टिस एसए बोबडे करेंगे

सीजेआई रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न की जांच के लिए गठित इस समिति में जस्टिस एसए बोबडे के अलावा जस्टिस एन वी रमन और जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी हैं.

सीजेआई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप पर जेटली ने कहा, यह न्यायपालिका के साथ खड़े होने का समय

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख के ख़िलाफ़ अपुष्ट आरोपों का समर्थन कर चीफ जस्टिस की संस्था को अस्थिर करने का प्रयास करने वाले ऐसे लोगों का काम रूकावटें खड़ी करना है.

यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सीजेआई के समर्थन में आया बार काउंसिल

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा सीजेआई रंजन गोगोई पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों को 'झूठा और मनगढंत' बताते हुए कहा कि पूरा बार चीफ जस्टिस के साथ है.

चीफ जस्टिस पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने लगाए यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप

सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को भेजे गए हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट ने आरोप लगाया है कि अक्टूबर 2018 में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने घर पर बने ऑफिस में उसके साथ बदसलूकी की थी, जिसका विरोध करने के बाद उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल का आरोपों से इनकार.

सीजेआई की आवाज़ में फर्ज़ी कॉल, कुछ वकीलों को जज के पद पर सिफारिश करने की बात कही गई

तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. राधाकृष्णन और कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एल. नारायण स्वामी को ये फर्ज़ी कॉल प्राप्त हुए थे. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं और एफआईआर दर्ज की गई है.