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सीजेआई यौन उत्पीड़न: शिकायतकर्ता ने कहा- न्याय मिलने की संभावना नहीं, जांच समिति में पेश होने से इनकार

सीजेआई यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि शुरुआत में मुझे लगता था कि जज निष्पक्ष जांच करेंगे लेकिन तीन सुनवाइयों के बाद लगा कि जज मेरी शिकायत को संवेदनशीलता से नहीं बल्कि शक की नजरों से अधिक देखते हैं.

सीजेआई के ख़िलाफ़ लगे आरोपों के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका ख़ारिज

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और हाईकोर्ट इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.

सीजेआई के ख़िलाफ़ लगे आरोपों के प्रकाशन पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर

सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को प्रकाशित अथवा प्रसारित करने से मीडिया पर तब तक तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है, जब तक तीन न्यायाधीशों वाली जांच समिति किसी नतीजे तक नहीं पहुंच जाती है.

New Delhi: Chief Justice of India Justice Dipak Misra and CJI-designate Justice Ranjan Gogoi during the launch of SCBA Group Life Insurance policy, at the Supreme court lawns, in New Delhi, Tuesday, Sep 26, 2018. (PTI Photo/ Shahbaz Khan) (PTI9_26_2018_000111B)

सीजेआई यौन उत्पीड़न मामले को साज़िश बताने के दावों की जांच शुरू करने से जस्टिस पटनायक का इनकार

सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. एक वकील ने इस आरोप के पीछे साज़िश होने का दावा किया था. जस्टिस एके पटनायक का कहना है कि जब तक आंतरिक जांच पूरी नहीं हो जाती, वे साज़िश के दावों की जांच शुरू नहीं करेंगे.

सीजेआई यौन उत्पीड़न मामला: जांच से पहले ही मेरे चरित्र पर उंगलियां उठाई जाने लगीं- शिकायतकर्ता

सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रही समिति को लिखे पत्र में शिकायतकर्ता ने कहा कि मुझे केवल तभी न्याय मिल सकता है जब निष्पक्ष और पारदर्शी सुनवाई का मौका दिया जाए.

जस्टिस एके पटनायक करेंगे सीजेआई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की कथित साज़िश की जांच

शीर्ष अदालत ने सीजेआई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को ‘साज़िश’ बताने वाले वकील उत्सव बैंस के दावों की जांच की ज़िम्मेदारी रिटायर्ड जज एके पटनायक को दी है. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह यौन उत्पीड़न के आरोपों संबंधी शिकायत पर गौर नहीं करेगी.

सीजेआई यौन उत्पीड़न मामला: 250 से अधिक महिलाओं ने की आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर 250 से अधिक महिला वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि ने पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट ने सीधे-सीधे विशाखा गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया है.

सीजेआई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की कथित साज़िश पर दिल्ली पुलिस, सीबीआई और आईबी प्रमुख तलब

सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी के यौन उत्पीड़न के आरोपों को वकील उत्सव बैंस ने साज़िश कहा था. जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने इस सिलसिले में इन तीनों संस्थाओं के प्रमुखों को बुलाया है.

सीजेआई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच जस्टिस एसए बोबडे करेंगे

सीजेआई रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न की जांच के लिए गठित इस समिति में जस्टिस एसए बोबडे के अलावा जस्टिस एन वी रमन और जस्टिस इंदिरा बनर्जी भी हैं.

New Delhi: Supreme Court lawyer Prashant Bhushan addresses the media, at Supreme Court premises in New Delhi, Thursday, Sept 6, 2018. The Supreme Court on Thursday extended till September 12, the house arrest of five rights activists in connection with the violence in Koregaon-Bhima in the west central state of Maharashtra. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI9_6_2018_000097B)

सुप्रीम कोर्ट पारदर्शिता को लेकर खड़ा रहता है लेकिन अपनी बारी पर पीछे हट जाता है: प्रशांत भूषण

सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत और भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद आरटीआई के तहत सार्वजनिक प्राधिकार है या नहीं, इस सवाल पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

आरटीआई में जजों की नियुक्ति से जुड़ी जानकारी देने से कॉलेजियम की कार्यप्रणाली प्रभावित होगी

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा यह तर्क दिया गया है कि एक न्यायाधीश की नियुक्ति से संबंधित जानकारी व्यक्तिगत होती है, इसलिए आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (जे) के तहत ऐसी जानकारी का खुलासा करने से छूट दी गई है.

New Delhi: Chief Justice of India Justice Dipak Misra and CJI-designate Justice Ranjan Gogoi during the launch of SCBA Group Life Insurance policy, at the Supreme court lawns, in New Delhi, Tuesday, Sep 26, 2018. (PTI Photo/ Shahbaz Khan) (PTI9_26_2018_000111B)

मास्टर ऑफ रोस्टर अब मास्टर ऑफ कॉलेजियम भी बन गए हैं

उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण फैसले और प्रस्ताव मुख्य न्यायाधीश द्वारा कॉलेजियम की सहमति दरकिनार करते हुए मनमाने और अनौपचारिक तरीके से लिए जा रहे हैं.

प्रधान न्यायाधीश पद पर जस्टिस गोगोई की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका ख़ारिज

जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका में शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों जिसमें जस्टिस गोगोई भी शामिल थे, की 12 जनवरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को आधार बनाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट के आधे जजों ने नहीं किया वेबसाइट पर अपनी संपत्ति का ख़ुलासा

वर्ष 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक प्रस्ताव के तहत शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अपनी संपत्ति का खुलासा करने के लिए अनिवार्य किया गया था.

New Delhi: Supreme Court judge Justice Jasti Chelameswar during a book launch 'Appointment of Judges to the Supreme Court of India' edited by Arghya Sengupta and Ritwika Sharma in New Delhi, on Monday. PTI Photo by Ravi Choudhary(PTI4_9_2018_000210B)

अपने विदाई समारोह में शामिल होने से जस्टिस चेलमेश्वर ने किया इनकार

22 जून को सेवानिवृत्त हो रहे जस्टिस चेलमेश्वर के सम्मान में 18 मई को उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा विदाई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था.