केंद्र सरकार ने इस बात को सार्वजनिक नहीं किया है कि वो आख़िर आरटीआई क़ानून में क्या संशोधन करने जा रही है. संशोधन विधेयक के प्रावधानों को न तो सार्वजनिक किया गया है और न ही आम जनता की राय ली गई है. जानकार इसे लंबे संघर्ष के बाद मिले सूचना के अधिकार पर हमला बता रहे हैं.
केंद्रीय सूचना आयोग ने आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय पर जुर्माना नहीं लगाया क्योंकि उसके अधिकारियों ने आरटीआई आवेदन का जवाब देने में देरी के लिए माफी मांग ली है.
जन गण मन की बात की 167वीं कड़ी में विनोद दुआ मोदी द्वारा गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान लगाए गए 'पाकिस्तानी साज़िश' के आरोप और आरटीआई क़ानून के अमल के बारे में चर्चा कर रहे हैं.