कोरोना वायरस: यूपी के एंबुलेंस कर्मचारियों ने बकाया वेतन को लेकर दी हड़ताल की धमकी

एंबुलेंस कर्मचारी संघ का आरोप है कि उन्हें कोरोना वायरस महामारी के दौरान सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें जनवरी से वेतन भी नहीं मिला है.

कोरोना वायरस: सुरक्षा उपकरणों के पहुंचने में हो रही देरी, जान जोख़िम में डाल इलाज कर रहे डॉक्टर

बीते 28 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफकेयर ने दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य मेडिकल निदेशक को भेजे एक ईमेल में कहा कि लॉकडाउन के चलते सुरक्षा उपकरण पहुंचने में 25 से 30 दिन का समय लग सकता है.

कोरोना वायरस: दिल्ली के निज़ामुद्दीन में धार्मिक सभा में शामिल होने वाले छह लोगों की मौत

दिल्ली में निज़ामुद्दीन पश्चिम इलाके के एक मरकज़ में 13 मार्च से 15 मार्च तक हुई धार्मिक सभा में भाग लेने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया है. सेना और दिल्ली पुलिस ने निज़ामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी की. सभा में शामिल 153 लोग एलएनजेपी में भर्ती. राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के मामले बढ़कर 97 हो गए हैं.

लॉकडाउन: बीएसएनएल, एमटीएनएल और एयरटेल ने बढ़ाई प्रीपेड वैधता, अतिरिक्त टॉकटाइम मिलेगा

देशव्यापी लॉकडाउन के कारण ट्राई के निर्देश पर बीएसएनएल, एमटीएनएल और एयरटेल ने प्रीपेड ग्राहकों की वैधता 20 अप्रैल तक बढ़ाने और 10 रुपये का अतिरिक्त टॉकटाइम देने की घोषणा की, जो प्रति उपभोक्ता कम खर्च करने वाले ग्राहकों के लिए सीमित होगी. इसका फायदा करीब आठ करोड़ ग्राहकों को होगा.

मज़दूरों का पलायन रोकने के लिए उठाए गए क़दमों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से रिपोर्ट तलब की

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से बेरोज़गार होने वाले हज़ारों प्रवासी कामगारों के लिए खाना, पानी, दवा और समुचित चिकित्सा सुविधाओं जैसी राहत दिलाने का अनुरोध किया गया है.

लॉकडाउन नहीं, कमज़ोर तैयारियों के लिए माफी मांगिए मोदी ​जी…

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लॉकडाउन के चलते हो रही परेशानियों के लिए जनता से माफी मांगी है. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

कोरोना: वापस उत्तर प्रदेश लौटे मजदूरों को सैनिटाइजर से नहलाया गया, विपक्ष ने बताया ‘अमानवीय’

मामला उत्तर प्रदेश बरेली शहर का है. जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने कहा कि बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज करने के निर्देश थे, पर अतिसक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया. संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

10 सालों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से तक़रीबन 50 फ़ीसदी राशि ही ख़र्च की गई

कोरोना वायरस से निपटने में आर्थिक मदद देने के लिए केंद्र ने ‘पीएम केयर्स फंड’ की घोषणा की है. हालांकि इसके जैसा ही पहले से मौजूद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में प्राप्त राशि का काफ़ी कम हिस्सा ख़र्च किया जा रहा है और 2019 के आख़िर तक में इसमें 3800 करोड़ रुपये का फंड बचा था.

लॉकडाउन: वेतन में कटौती न करने, मज़दूरों और छात्रों से किराया न लेने का आदेश

गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में, लॉकडाउन की अवधि में अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान बिना किसी कटौती के करेंगे.

कोरोना लॉकडाउन: कर्मचारी भविष्य निधि से पैसा निकालने की अनुमति

कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ की वजह से लोगों को राहत देने के लिए श्रम मंत्रालय ने यह कदम उठाया है.

कोरोना संकट: आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत गृह मंत्रालय ने 11 उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया

इन समितियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे कोरोना महामारी से विभिन्न क्षेत्रों में खड़ी हुई समस्याओं की पहचान कर उसका प्रभावी समाधान निकालेंगे.

कोरोना लॉकडाउन: पैदल हरियाणा से यूपी जा रहे युवक की बस से कुचलकर मौत

21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद होने के बाद अपने भाई के साथ हरियाणा के सोनीपत से उत्तर प्रदेश के रामपुर जा रहे 26 वर्षीय नितिन कुमार 177 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर चुके थे और यह दुर्घटना उनके घर से मात्र 39 किलोमीटर की दूरी पर हुई.

लॉकडाउन में मज़दूरों का पलायन: न तो काम है और न ही पैसा

वीडियो: कोरोना वायरस फैलने के ख़तरे को देखते हुए 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन के बीच दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर सैकड़ों-हज़ारों किलोमीटर की दूरी तय करते हुए अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं.

पलायन कर रहे मज़दूरों ने कहा, बीमारी से भी मरना है और भूख से भी

वीडियो: कोरोना वायरस के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले दिहाड़ी मज़दूर अपने-अपने घर जाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गईं बसों में जगह पाने के लिए देर रात भटकते रहे. गाजियाबाद के कौशाम्बी बस अड्डे पर मज़दूरों से विशाल जायसवाल की बातचीत.

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