26 नवंबर, 2008 को आतंकवादियों द्वारा मुंबई के कई स्थानों पर किए गए हमले के समय याचिकाकर्ता देविका रोतावन नौ साल की थीं. उस दिन वह अपने पिता और भाई के साथ मुंबई सीएसएमटी रेलवे स्टेशन पर थीं, जब आतंकियों द्वारा चलाई गोली उन्हें लग गई थी.
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार महमूद अली दुर्रानी ने मुंबई हमले को सीमा पार आतंकवाद का अपनी तरह का क्लासिक उदाहरण बताया.