मातृ सदन के संतों की मांग है कि गंगा में अवैध खनन बंद होना चाहिए, सभी प्रस्तावित और निर्माणाधीन बाधों पर तुरंत रोक लगाई जाए और गंदी नालियों का पानी बिना साफ किए या साफ करने के बाद भी नदी में न डाला जाए.
प्रधानमंत्री कार्यालय के रुख के ख़िलाफ़ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन. लोकपाल की मांग को लेकर महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले में स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धी में बीती 30 जनवरी को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भूख हड़ताल शुरू की थी.
संत गोपाल दास पिछले 24 जून से आंदोलनरत हैं और इस दौरान तबियत बिगड़ने पर उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. गोपाल दास के सहयोगियों का आरोप है कि वे लापता नहीं हुए हैं बल्कि उन्हें लापता कराया गया है.
पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल गंगा सफाई के लिए 112 दिनों तक आमरण अनशन पर बैठे थे. बीते 11 अक्टूबर को उनका निधन हो गया. गंगा को लेकर अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन बार पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
गंगा सफाई के लिए अनशन पर बैठे पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को लेकर विवाद शुरू हो गया है. उन्होंने अपना शरीर एम्स को दान में दे दिया था. उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को लेकर विवाद कोर्ट तक पहुंच गया है.
पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल ने 100 से ज़्यादा दिनों तक अपना अनशन जारी रखा तो सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकारों की असंवेदनशीलता के बावजूद उनके दिलोदिमाग में लोकतंत्र को लेकर कोई न कोई उम्मीद ज़रूर बाकी रही होगी. उनके जाने का दुख इस अर्थ में कहीं ज़्यादा सालता है कि ऐसा अनशन के अस्त्र के प्रणेता महात्मा गांधी के जन्म के एक 150वें वर्ष में हुआ है.
इरोम ने कहा, ‘मैंने 16 सालों तक मणिपुर में आफ्सपा के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी पर लोगों ने मुझे नकार दिया.’
मानवता के इतिहास में तमाम करुण कहानियां अनकही रही गई हैं. इरोम शर्मिला का अपनी मुसलसल हार के लिए जनता को धन्यवाद देना वैसी ही एक अनकही कहानी है.