बढ़ती सामाजिक असमानता के दौर में देश की शीर्ष अदालत का आरक्षण पर सवाल उठाना निराशाजनक है और यह वंचित तबके का न्यायपालिका में भरोसा कम करता है.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने की बहस के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने दलितों को राज्य में आरक्षण का पूरा लाभ मिलने का ज़िक्र किया. यह भी कहा गया कि डॉ. आंबेडकर भी ऐसा चाहते थे. लेकिन क्या वास्तव में 370 हटने के पहले राज्य में दलितों की स्थिति ख़राब थी?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में एएमयू और जामिया मिलिया इस्लामिया में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं होने पर सवाल उठाये थे.