गुजरात का विकास मॉडल एक भ्रम था. गुजरात दंगों के बाद मुस्लिम को अलग-थलग करने का जो प्रयोग शुरू हुआ, मोदी-शाह उसी के सहारे केंद्र में सत्ता में आए. आज यही गुजरात मॉडल सारे देश में अपनाया जा रहा है. 370 का मुद्दा उसी प्रयोग की अगली कड़ी है, जिसे मोदी शाह महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में भुनाने जा रहे हैं.
सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने कैंटीन संबंधी नियमों में बदलाव करने को लेकर हुए एक प्रदर्शन में भाग लिया था. छात्र का आरोप है कि अनुसूचित जाति से होने के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई थी.
भीमा-कोरेगांव हिंसा के दौरान दलित युवती के घर में आग लगा दी गई थी. परिजनों के अनुसार, इसमें शामिल लोग बयान वापस लेने के लिए उस पर दबाव डाल रहे थे, इस कारण उसने आत्महत्या कर ली.
जन गण मन की बात की 220वीं कड़ी में विनोद दुआ एससी-एसटी क़ानून में बदलाव के ख़िलाफ़ हुए भारत बंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 219वीं कड़ी में विनोद दुआ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) क़ानून में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए बदलाव और अन्ना हजारे का अनशन ख़त्म होने पर चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की 27वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) क़ानून में सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए बदलाव पर चिंतक चंद्रभान प्रसाद और सुप्रीम कोर्ट के वक़ील केटीएस तुलसी से चर्चा कर रही हैं.
मूंछ रखने को लेकर दलित युवक ने की थी हमले की बात. पुलिस और परिवार वालों सहित युवक ने ख़ुद माना है कि उसने मीडिया कवरेज के लिए यह हरकत की.
गुजरात में बीते एक हफ्ते में मूंछ रखने को लेकर दलितों के साथ हिंसा के तीन मामले सामने आये हैं.