आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों और गरीबों को खाद्यान्न देना पर्याप्त नहीं है. उन्हें खाना पकाने के लिए सब्जियां और तेल की भी आवश्यकता होती है और सबसे महत्वपूर्ण पैसा और आश्रय की जरूरत है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद के दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने यह भी कहा कि जरूरतमंदों के लिए तीन महीने तक अस्थायी राशन कार्ड मुहैया कराने की जरूरत है.
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि हमें कम से कम इतना करने की जरूरत है ताकि लोगों को ये विश्वास हो कि समाज उनकी चिंता करता है और उनकी न्यूनतम देखभाल सुनिश्चित है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने जेएनयू में हुए हमले पर कुलपति जगदीश कुमार की आलोचना की और आरोप लगाया कि ऐसे कठिन समय में वह अनुपस्थित थे और पूरी तरह विफल रहे.
जेएनयू में हिंसा पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी से सहमति जताते हुए नोबल विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा कि जेएनयू के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वह असहमतियों के लिए एक सुरक्षित स्थान था. जेएनयू को दुश्मन माने जाने की लंबी परंपरा है.
कवि, उपन्यासकार, स्तंभकार और लघु कथाओं और यात्रा वृतांतों की लेखिका नवनीता देव सेन को रामायण पर उनके शोध के लिए भी जाना जाता था.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि अभिजीत बनर्जी की सोच पूरी तरह से वामपंथी है और भारत के लोगों ने इसे पूरी तरह से नकार कर दिया है. वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा था कि विदेशी महिला से दूसरी शादी करने वाले लोगों को अक्सर नोबेल पुरस्कार मिल जाता है.
अर्थशास्त्र के लिए नोबेल सम्मान पाने वाले अभिजीत बनर्जी के बारे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि उनके राजनीतिक विचार वाम झुकाव वाले हैं, लोगों ने उनकी न्याय योजना को ख़ारिज कर दिया था. इससे पहले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने भी न्याय योजना को लेकर बनर्जी की आलोचना की थी.
एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी और कांग्रेस की न्याय योजना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि एक भारतीय को नोबेल पुरस्कार मिला, लेकिन ज़रूरी नहीं है कि हमें उनकी कही हुई बात से सहमत होना चाहिए.
अर्थशास्त्र के लिए नोबेल जीतने वाले तीनों अर्थशात्रियों- अभिजीत बनर्जी, एस्थर डफ्लो और माइकल क्रेमर का विचार है कि क्रमहीन नियंत्रित परीक्षण या रैंडमाइज़्ड कंट्रोल ट्रायल्स (आरसीटी) गरीबी कम करने के बेहतर उपायों की राह खोल सकते हैं. आरसीटी का इस्तेमाल मुख्य तौर पर चिकित्सा के क्षेत्र में दवाइयों के असर का परीक्षण करने के लिए किया जाता था.
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत में एक बहस चल रही है कि कौन सा आंकड़ा सही है और सरकार का खासतौर से यह मानना है कि वो सभी आंकड़े गलत हैं, जो असुविधाजनक हैं.
इन तीनों अर्थशास्त्रियों को वैश्विक गरीबी कम करने की दिशा में दिए किए गए उनके शोध के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है. बनर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है.