विशेष रिपोर्ट: अल्पसंख्यकों के विकास के लिए ज़रूरी योजनाओं पर ही काफी कम पैसे ख़र्च हो रहे हैं. सरकार ने इसके मुक़ाबले औसतन ज़्यादा राशि हज सब्सिडी पर ख़र्च की है. इस साल सबसे कम पैसे अल्पसंख्यकों की शिक्षा के क्षेत्र में ख़र्च किए गए हैं.
वित्त वर्ष 2018-19 में भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट 4700 करोड़ रुपये रखा गया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में मंत्रालय के लिए 4197 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.
आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि केंद्र सरकार हज यात्रियों को नहीं बल्कि घाटे में चल रही एयर इंडिया की मदद के लिए सब्सिडी दे रही थी.