चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने 4 मई से ही चुनाव आचार संहिता के मुद्दे पर चर्चा करने वाली सभी बैठकों से खुद को अलग कर लिया है. उन्होंने कहा है कि वे चुनाव आचार संहिता के मुद्दे पर चर्चा करने वाली बैठकों में तभी शामिल होंगे जब अलग मत वाले और असंतोष जताने वाले फैसलों को भी आयोग के आदेशों में शामिल किया जाएगा.
यह घटना फरीदाबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाले असावटी गांव में हुई, जहां 12 मई को मतदान हुआ था. वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश के आरोप में सोमवार को भाजपा के एक पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार किया गया था. चुनाव आयोग ने कहा कि इस मतदान केंद्र पर 19 मई को नए सिरे से मतदान कराए जाएंगे.
सोशल मीडिया पर हरियाणा के फरीदाबाद में एक मतदान केंद्र के अंदर कथित तौर पर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे एक पोलिंग एजेंट का वीडियो वायरल हुआ था.
जम्मू कश्मीर के लेह में दो मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर मीडियाकर्मियों को रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले में जांच का आदेश देने वाली लेह जिले की चुनाव अधिकारी अवनि लवासा चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की बेटी हैं.
इन पांच शिकायतों में से चार शिकायतें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी हैं. सभी मामलों का फैसला 2-1 के बहुमत से हुआ है. चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने इन मामलों पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहिता उल्लंघन के तीन मामलों में चुनाव आयोग से क्लीनचिट मिली है. इनमें से दो मामलों में आयोग की राय एकमत नहीं थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित रूप से कहा था कि विपक्षी दल लोकसभा की उन सीटों से अपने नेताओं को खड़ा करने से डरता है जहां बहुसंख्यकों का प्रभुत्व है.
चुनाव आयोग के फुल कमीशन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा हैं. एक चुनावी रैली में मोदी के संबोधन को लेकर कांग्रेस की पहली शिकायत चुनाव आयोग को पांच अप्रैल को मिली थी.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि साफ-सुथरा चुनाव कराना हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर तब जब धन का उपयोग मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा रहा हो.