एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.
असम समझौते के खंड छह को लागू करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित 14 सदस्यीय समिति के चार सदस्यों ने फरवरी में राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को रिपोर्ट लीक कर दी थी.
असमिया लोगों के निर्धारण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा असम समझौते की धारा छह को लागू करने के लिए गठित एक उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट को इसके चार सदस्यों ने सार्वजनिक कर दिया है. इसमें गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि असमिया लोगों के निर्धारण के लिए 1951 को कट-ऑफ वर्ष माना जाना चाहिए.
कोकराझार जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने महिला की पहचान राबेदा बेगम के रूप में की, जो कि फरवरी 2018 से हिरासत में थीं.
इसमें से 95 लोग तीन साल या इससे भी ज्यादा समय से इन केंद्रों में बंद हैं. पिछले चार सालों में डिटेंशन सेंटर में बीमारी से 26 लोगों की मौत हुई है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि असम के छह डिटेंशन सेंटर, जहां घोषित विदेशी या दोषी विदेशियों को रखा जाता है. इनमें 3331 लोगों को रखने की क्षमता है. इससे पहले सरकार ने बताया था कि बीते तीन साल में असम के डिटेंशन सेंटर में 29 लोगों की मौत हो चुकी है.
दिसंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद असम में एनआरसी अपडेट करने की तैयारी शुरू की गई थी. एनआरसी का अंतिम प्रकाशन अगस्त 2019 में किया गया था, जिससे असम में रह रहे 19 लाख से ज़्यादा लोग बाहर हो गए थे. पिछले साल असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया था कि राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एनआरसी के मौजूदा स्वरूप को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है.
इस मौत के साथ ही अब तक असम स्थित डिटेंशन सेंटरों में रखे गए लोगों की होने वाली मौतों की संख्या 29 पहुंच चुकी है. इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1000 लोगों को रखा गया है.
असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में बताया कि इस साल अब तक डिटेंशन सेंटरों में विदेशी घोषित किए गए सात लोगों की जान जा चुकी है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम, नगालैंड, मेघालय और मणिपुर के प्रमुख समाचार.