इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को एहतियात बरतने के लिए रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि वरिष्ठ और युवा डॉक्टर समान रूप से कोरोना संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन वरिष्ठों की मृत्यु दर अधिक है.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की घटना. परिवार का आरोप है अस्पताल द्वारा मरीज़ से मिलने के नाम पर 4000 रुपये अतिरिक्त मांगा जा रहा था, जिसे लेकर विवाद शुरू हुआ है. पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है.
एक जनहित याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गर्भवती महिला के इलाज के साथ ही जांच हो सकती है. यदि जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होती है तो महिला को उपचार के लिए विशेष कोविड-19 अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा.
मामला बेंगलुरु का है, जहां 52 वर्षीय कपड़ा व्यापारी को तेज़ बुखार और सांस लेने में समस्या हुई थी. उनके भतीजे ने बताया कि वे उन्हें दो दिन एंबुलेंस से 18 अस्पतालों में लेकर गए, 30-32 अस्पतालों में फोन किया लेकिन सभी जगह उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया.
दिल्ली सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए अधिकृत जीटीबी अस्पताल में इस समय 300 से अधिक कोरोना संक्रमित भर्ती हैं. यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के शिक्षक संघ का कहना है कि बीते चार सालों से ऐसी ही स्थिति है, बार-बार मामला उठाए जाने के बावजूद प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है.
इससे पहले कोरोना वायरस की रोकथाम में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए आवास और क्वारंटीन सुविधा को लेकर उच्चतम न्यायालय में दाख़िल एक अन्य याचिका के जवाब में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि संक्रमण से बचाव की अंतिम ज़िम्मेदारी स्वास्थ्यकर्मियों की है.
कोरोना वायरस के मरीज़ों को सांस लेने में तकलीफ़ का सामना करना पड़ता है और उन्हें ऑक्सीज़न सपोर्ट की ज़रूरत पड़ती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने कहा कि अनेक देशों के पास ऑक्सीज़न के लिए ज़रूरी उपकरणों का अभाव है और 80 फ़ीसदी से ज्यादा बाज़ार पर कुछ ही कंपनियों का क़ब्ज़ा है.
दिल्ली के शालीमार बाग़ स्थित कंटेनमेंट जोन में रहने वाली 32 वर्षीय महिला का आरोप है कि जांच में कोराना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें किसी दवा की ज़रूरत है या नहीं और क्या घर पर क्वारंटीन पूरा होने के बाद उन्हें कोई दूसरी जांच करानी होगी या नहीं.
आईसीएमआर ने कहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने और लोगों की जान बचाने का एकमात्र तरीका है कि हम जांच करें, संक्रमण के कारण पता करें और फिर इलाज करें. देश में 23 जून तक 73.5 लाख से ज़्यादा नमूनों की जांच हुई है.
मामला शामली ज़िले के सरकारी अस्पताल का है, जहां रविवार को एक टैक्सी चालक को सांस लेने में परेशानी होने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. परिजनों का आरोप है कि ठीक प्रकार से इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई.
मामला ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके कालसेकर अस्पताल का है. आरोप है कि 70 वर्षीय कोरोना मरीज़ को अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था. ठाणे के महापौर ने अस्पताल के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने आदेश दिया है.
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का आधिकारिक डेटा बताता है कि 25 मार्च से दो जून की लॉकडाउन की अवधि के दौरान इससे पहले के 12 हफ्तों की तुलना में योजना के तहत सर्जिकल प्रकियाओं और अन्य मेडिकल देखरेख के मामलों में बड़ी गिरावट देखी गई.
तेलंगाना की तरह कोरोना के इलाज के संबंध में कर्नाटक ने केंद्र से 1,300 वेंटिलेटर मांगे थे, लेकिन सरकार का कहना है कि उन्हें अब तक सिर्फ़ 90 वेंटिलेटर दिए गए हैं.
एक समाचार चैनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों में से 1,207 डॉक्टर और नर्स दिल्ली के नौ बड़े कोरोना अस्पतालों के हैं. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब तक कोरोना से संक्रमित हुए स्वास्थ्यकर्मियों का कोई आंकड़ा नहीं दिया है.
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश दिया था कि कोविड-19 के हर मरीज़ के लिए घर में क्वारंटीन की जगह पांच दिन संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रहना ज़रूरी होगा. इस पर दिल्ली सरकार का कहना था कि इससे पहले से ही दबाव झेल रही स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बोझ बढ़ेगा.