गुजरात: कोविड मृतकों के परिजनों ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप

अहमदाबाद सिविल अस्पताल एशिया का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल माना जाता है. हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट ने सिविल अस्पताल को कालकोठरी से भी बदतर बताया था.

क्या गुजरात सरकार द्वारा आंकड़े कम दिखाने के लिए जानबूझकर कोविड टेस्टिंग की रफ़्तार कम की गई है?

राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट लैब में कोविड टेस्ट करवाने के लिए उसकी अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है, ऐसे में अहमदाबाद में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में ढेरों कोविड संभावित मरीज़ भर्ती होने के कई दिन बाद भी टेस्ट के लिए इंतज़ार करने को मजबूर हैं.

अहमदाबाद के विवादित वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनी के प्रमोटर भाजपा के नेताओं के क़रीबी हैं

गुजरात सरकार द्वारा जिस कंपनी के 'दस दिनों' में कोविड मरीज़ों के लिए वेंटिलेटर्स बनाने का दावा किया गया था, जिन्हें राज्य के डॉक्टरों में मानकों पर खरा न उतरने की बात कही थी, उस कंपनी के प्रमोटर्स उसी उद्योगपति परिवार से जुड़े हैं, जिन्होंने साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका नाम लिखा सूट तोहफ़े में दिया था.

गुजरात: अहमदाबाद और सूरत में दूध और दवाई के अलावा एक सप्ताह के लिए सभी दुकानें बंद

महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ जिलों में कोरोना वायरस मरीजों की अधिक मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दोनों राज्यों से कहा कि वे प्रारंभिक निगरानी, संपर्कों का तेजी से पता लगाने और शुरू में ही रोग निदान जैसे कदमों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि इन क्षेत्रों में मौत के मामलों में कमी आ सके.

कोरोना वायरस से लड़ने में गुजरात सक्षम, तबलीग़ी जमात के कारण मामले बढ़े: मुख्यमंत्री

गुजरात के कुछ इलाकों में प्रवासी मज़दूरों के सड़कों पर उतरने की घटना पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि राज्य में एक-दो छोटी घटनाएं ज़रूर हुई हैं, लेकिन इसका कारण यह नहीं है कि सरकार की मदद उन लोगों तक नहीं पहुंच रही है.

कोरोना वायरस: गुजरात के अस्पताल में धर्म के आधार पर मरीज़ों के अलग वॉर्ड बनाने का आरोप

यह मामला गुजरात के अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल का है. यहां हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग वॉर्ड बनाए जाने का मामला सामने आया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार के आदेश पर ऐसा किया गया है. सरकार ने ऐसे किसी आदेश से इनकार किया है.

गुजरात के सिविल अस्पताल में 24 घंटे के अंदर नौ नवजातों की मौत

राज्य सरकार ने दिए जांच के आदेश. अहमदाबाद सिविल अस्पताल में बीते तीन दिन में 18 शिशुओं की मौत हुई है. प्रतिदिन पांच से छह नवजातों की मौत का है औसत.