आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यह भी कहा कि महामारी संबंधी फेक न्यूज़ और स्वास्थ्य मंत्रालय की मंज़ूरी के बिना किसी भी व्यक्ति द्वारा कोविड-19 संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए तथाकथित ‘चमत्कारिक दवाओं’ को बढ़ावा देकर आम जनता को मूर्ख बनाने के प्रयासों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया कि कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अब तक देशभर के 269 चिकित्सक अपनी जान गंवा चुके हैं. संक्रमण के चलते बिहार में सर्वाधिक 78 डॉक्टरों की मौत हुई है. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 37 और दिल्ली में 28 डॉक्टरों की मौत हुई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए. मंत्रालय की ढिलाई और अनुचित कदमों को लेकर वह बिल्कुल हैरान है. साथ ही संगठन ने कहा कि मंत्रालय ने पेशवरों के सुझावों को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नवजोत सिंह दहिया ने कहा कि जहां मेडिकल बिरादरी लोगों को कोविड के नियम-क़ायदे समझाने के लिए जी-जान से लगी हुई है, वहीं महामारी से संबंधित सब नियमों को हवा में उड़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां करने से कोई गुरेज़ नहीं किया.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि अगर संभव हो तो गुजरात सरकार को 14 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए. अगर राज्य सरकार इसके पक्ष में नहीं है तो उसे लोगों को उनके घरों तक सीमित करने के लिए पाबंदी लगाने के बारे में सोचना चाहिए. गुजरात हाईकोर्ट ने डॉक्टरों से कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुझाव मांगें थे.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के सदस्यों ने अधिक फ़ीस लेने से बचने को कहा है. अदालत ने कोविड-19 मरीज़ों के इलाज से संबंधित दर का निर्धारण कर इसका प्रचार-प्रसार करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी करने की अनुमति देने वाले नियमों को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है. भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्वेद शिक्षा) नियमन, 2016 में संशोधन कर आयुर्वेदिक पढ़ाई में पीजी कर रहे छात्रों को ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है.
केंद्रीय आयुष मंत्री नाईक ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ही शिक्षित हैं और उन्हें सर्जरी करने का भी प्रशिक्षण प्राप्त है. आयुर्वेदिक डॉक्टरों को कुछ तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति देने के केंद्र के फैसले का एलोपैथिक डॉक्टरों का एक तबका विरोध कर रहा है और इसे ‘मिक्सोपैथी’ या खिचड़ीकरण क़रार दिया है.
दिल्ली एम्स के रेज़िडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने एक बयान में कहा यह क़दम न केवल पहले ही जड़ें जमा चुकी झोलाछाप व्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे लोगों की सुरक्षा भी ख़तरे में पड़ जाएगी. हम सरकार से इस अधिसूचना को तत्काल वापस लेने का अनुरोध करते हैं.
केंद्र सरकार ने आयुर्वेद के स्नातकोत्तर डॉक्टरों को सामान्य सर्जरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किए जाने की अनुमति दे दी है. इसके ख़िलाफ़ आईएमए ने 11 दिसंबर को एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है.
केंद्र सरकार ने आयुर्वेद के स्नातकोत्तर डॉक्टरों को सामान्य सर्जरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किए जाने की अनुमति दे दी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार की इस पहल पर चिंता जताते हुए इसे आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को पीछे ले जाने वाला क़दम क़रार दिया है.
केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है जिसके तहत आयुर्वेद के विशिष्ट क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सकों को ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण देने की अनुमति दी गई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुष मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि आधुनिक चिकित्सा के सर्जिकल नियमों को अपना बताने का दावा करने के बजाय वह अपने प्राचीन ज्ञान से अपने ख़ुद के सर्जिकल नियम विकसित करे.
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस हफ़्ते कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए योग और आयुर्वेद पर आधारित नियम जारी किए थे. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इनके वैज्ञानिक आधार पर सवाल उठाए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि मृत स्वास्थ्य कर्मियों के परिजनों को मुआवजा या नौकरी के लिए कोविड-19 के संदर्भ में कोई विशेष योजना प्रस्तावित नहीं की गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा संसद में दिए गए बयान में काम के दौरान कोरोना से जान गंवाने वाले डॉक्टरों का ज़िक्र न होने से नाख़ुश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ऐसे 382 चिकित्सकों की सूची जारी करते हुए उन्हें शहीद घोषित करने की मांग की है.