आरएसएस प्रशिक्षण शिविर में पूर्व जज केटी थॉमस ने कहा, 'अगर किसी संगठन को आपातकाल से देश को मुक्त कराने के लिए क्रेडिट दिया जाना चाहिए, तो मैं आरएसएस को दूंगा.'
दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद को वापस लेने का ऐलान करते हुए सरकार से मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिड़े को जल्द गिरफ़्तार करने की मांग की है.
द वायर हिंदी पर प्रकाशित वे 10 आलेख, जो साल 2017 में सबसे ज़्यादा पढ़े गए.
मुल्क की बागडोर संभालते वक्त ‘संविधान को सबसे पवित्र किताब’ कहने वाले तथा अपने आप को ‘आंबेडकर का शिष्य’ घोषित करने वाले प्रधानमंत्री ने भी अनंत कुमार हेगड़े के बयान पर खामोशी बरतना मुनासिब समझा.
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अपूर्वानंद से अमित सिंह की बातचीत.
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के संविधान बदलने को लेकर दिए गए बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफ़ी पर अड़ा विपक्ष. मोदी सरकार ने संविधान में जताई श्रद्धा.
आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए जाने के महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अवसरों पर कहा है कि हम इसी संविधान और संवैधानिक व्यवस्था में विकास करेंगे. ऐसे में उनका कोई मंत्री इससे अलग बात करता है तो उसे मंत्रिमंडल से बाहर कर देना चाहिए.
जन गण मन की बात की 169वीं कड़ी में विनोद दुआ, गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के शपथ ग्रहण और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के हालिया बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल में अपने एक बयान में कहा था कि हिंदुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है.
अगरतला में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं तो उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, जीवन पद्धति है हिंदुत्व.
मोदी अगर सरदार पटेल को अपना नेता मानते हैं तो फिर उन्हें पटेल की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता पर अमल करते हुए हिंदू राष्ट्र के लिए हथियार उठाने का आह्वान करने वाले सिरफिरे पर कार्रवाई करनी चाहिए.
बीसियों साल से जिस तरह की विभाजनकारी राजनीति हो रही है, मीडिया के सहयोग से जिस तरह समाज में ज़हर बोया जा रहा है, उसकी फसल अब लहलहाने लगी है.
संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने नेहरू के नेतृत्व में आज़ादी नहीं विभाजन दिया. कांग्रेस ने देश को आज़ादी दिलाई इससे बड़ा कोई असत्य नहीं है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस और उसके बाद के रक्तरंजित दौर की तरफ पच्चीस साल बाद फिर लौटते हुए हम नए सिरे से उस पुराने द्वंद्व से रूबरू होते हैं जो हर ऐसे सांप्रदायिक दावानल के बहाने उठता है.