ऑल इंडिया बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक के बोर्ड में आरबीआई और सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल थे, फिर कैसे उच्चतम स्तर पर सब चलता रहा और आरबीआई मूकदर्शक बना रहा.
पिछली सरकारों में व्यवस्था को अपने फ़ायदे के लिए तोड़ने-मरोड़ने वाले पूंजीपति मोदी सरकार में भी फल-फूल रहे हैं.
लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्ष की अवधि के दौरान बैंकों के 2,30,287 करोड़ रुपये के क़र्ज़ को बट्टे खाते में डाल दिया गया.
आरबीआई अधिकारियों ने बताया कि अगर नोटों पर कुछ लिखा हुआ है या रंग लगा हुआ है तब भी कोई बैंक उसे लेने से मना नहीं कर सकता.
पचास रुपये के नये नोटों में नेत्रहीन लोगों के लिए किसी प्रकार का पहचान चिह्न नहीं है जिससे कि वे इसे पहचान सकें.
साक्षात्कार: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से नरेंद्र मोदी सरकार, जीएसटी, रॉबर्ट वाड्रा, कार्ति चिदंबरम, विपक्ष, गुजरात चुनाव समेत विविध विषयों पर विस्तृत बातचीत.
नोटबंदी से अमीरों का काला धन गरीबों को देने का प्रधानमंत्री मोदी का महान वादा एक डरावने मज़ाक में बदल चुका है क्योंकि पिछले साल भर में देश के कमज़ोर तबके पर नोटबंदी की सबसे ज़्यादा मार पड़ी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के क़दम को कोई व्यक्ति चुनौती दे सकता है, लेकिन राज्य नहीं, यह संघीय व्यवस्था के ख़िलाफ़ है.
विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए आधार को जोड़ने की समय सीमा 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी गई है.
आरबीआई का यह बयान ऐसे समय आया है जब ख़बर थी कि बैंक खाते को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है.
सरकार न सिर्फ़ शाह का गवाह बनकर कूद पड़ी, बल्कि न्यायिक मदद का पूर्वानुमान लगाते हुए स्टोरी छपने के पहले ही इसके लिए एडिशनल साॅलिसिटर जनरल को इजाज़त भी दे दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक विश्लेषण को येचुरी ने बताया जुमलानॉमिक्स. ग़ुलाम नबी आज़ाद बोले, मोदी टीवी के प्रधानमंत्री, हमारे प्रधानमंत्री ज़मीनी थे.
राजन ने कहा, बैंकों को पेशेवर बनाने और उनमें से राजनीतिक हस्तक्षेप दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जाने चाहिए.
जन गण मन की बात की 115वीं कड़ी में विनोद दुआ पत्रकारों की हत्या व उन पर हो रहे हमले और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की किताब पर चर्चा कर रहे हैं.
एक के बाद एक नोटबंदी और जीएसटी को लागू किए जाने को व्यापक स्तर पर रुकावट पैदा करने वाले कदमों के तौर पर देखा जा रहा है.