इस मामले में पहले ही बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस और एचडीआईएल समूह के प्रमोटर राकेश तथा सारंग वाधवा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को नकदी उपलब्ध कराता है जबकि रिवर्स रेपो दर पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यक बैंकों से अतिरिक्त नकदी वापस लेता है.
पीएमसी बैंक में हुए घोटाले के मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एचडीआईएल और पीएमसी बैंक के वरिष्ठ अधिकरियों के ख़िलाफ़ दर्ज मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
केंद्रीय बैंक द्वारा 23 सितंबर को पीएमसी बैंक पर लगाई गई पाबंदी के बाद यह दूसरा मौका है जब निकासी सीमा बढ़ाई गई है. पहले प्रति ग्राहक निकासी सीमा 1,000 रुपये तय की गई थी.
केंद्र सरकार पहले भी राजकोषीय घाटा कम करने के लिए आरबीआई से अंतरिम लाभांश ले चुकी है. पिछले साल सरकार ने आरबीआई से 28 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश लिया था. इससे पहले 2017-18 में इस तरह से 10 हजार करोड़ रुपये लिए गए थे.
आरबीआई द्वारा लगाई गई पाबंदी के तहत लक्ष्मी निवास बैंक पर कर्ज देने, नई शाखाएं खोलने और लाभांश का भुगतान करने पर रोक लग गई है.
रिज़र्व बैंक ने बीते 24 सितंबर को पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर छह महीने के लिए कई पाबंदियां लगाई थीं. रिज़र्व बैंक ने इससे पहले पीएमसी खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा छह महीने में सिर्फ़ 1,000 रुपये तय कर दी थी.
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों की ओर से बैंक के चेयरमैन और उसके निदेशकों के ख़िलाफ़ जनता के धन का गबन करने की शिकायत दर्ज कराई गई है.
वीडियो: आरबीआई ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के ग्राहकों के लिए छह महीने में सिर्फ़ 1,000 रुपये निकालने की सीमा तय कर दी है. इस मुद्दे पर नई दिल्ली में बैंक उपभोक्ताओं से विशाल जायसवाल की बातचीत.
सोशल मीडिया पर हाल के दिनों में ख़बर आई थी कि आरबीआई नौ बैंकों को स्थायी रूप से बंद कर रहा है और उसने लोगों से इन बैंकों से अपने पैसे वापस निकालने की अपील की है. रिज़र्व बैंक ने इसे झूठा क़रार दिया है.
रिज़र्व बैंक ने महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर खामियों को लेकर कुछ पाबंदियां लगाई हैं. इसके तहत जमाकर्ताओं के लिए छह महीने में सिर्फ 1,000 रुपये निकालने की सीमा तय की गई है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हर किसी ने आर्थिक वृद्धि का जो अनुमान जताया था, वह 5.5 प्रतिशत से कम नहीं था.
मई 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से अब तक 45 अरब डॉलर से ज़्यादा की राशि विदेश भेजी जा चुकी है. वहीं यूपीए के दूसरे कार्यकाल के दौरान पांच सालों में विदेश भेजी गई कुल राशि 5.45 अरब डॉलर थी.
रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2000 रुपये और 500 रुपये के नकली नोटों में क्रमश: 21.9 फीसदी और 221 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं 200 रुपये के नकली नोटों में 161 गुना की वृद्धि हुई.
देश का शीर्ष बैंक भारतीय स्टेट बैंक इस अवधि में धोखाधड़ी का सबसे बड़ा शिकार बना क्योंकि कुल धोखाधड़ी की 38 फीसदी धनराशि इसी बैंक से जुड़ी हुई है.